वैक्सीन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो के चलते पंजाब के एक शख्स ने टीका लगवाने से मना कर दिया है. उनका कहना है कि पीएम मोदी की फोटो को सर्टिफिकेट पर जबरन लगाया गया है. इतना ही नहीं उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र लिखकर अपनी परेशानी भी बता दी है. इससे पहले भी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी की सर्टिफिकेट पर फोटो को लेकर विवाद खड़ा हुआ था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर चमनलाल ने अभी तक वैक्सीन नहीं लगवाई है. वे इसके पीछे का कारण प्रमाण पत्र में पीएम मोदी की फोटो का होना बताते हैं. उनका कहना है कि इस दस्तावेज पर किसी चिकित्सा अधिकारी की हस्ताक्षर होने चाहिए. 74 वर्षीय चमनलाल ने कहा है कि उन्हें टीका लगवाने की जरूरत है, लेकिन इस व्यक्तिगत और सामाजिक आपत्ति के चलते डोज नहीं लिया है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, चमनलाल बताते हैं कि अन्य देशों में जारी किसी वैक्सीन सर्टिफिकेट पर राजनीतिक नेता की तस्वीर नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत में लोगों को सत्ता में बैठे नेता की तस्वीर के साथ प्रमाण पत्र दिया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि उन्होंने देश में कोरोना वायरस की वजह से हो रही मौतों का जिम्मेदार भी सत्तारूढ़ पार्टी की नीतियों को बताया है.
उन्होंने पंजाब सरकार से वैक्सीन प्रमाण पत्र पर से पीएम की फोटो हटाने का अनुरोध किया है. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब सर्टिफिकेट पर पीएम की फोटो को लेकर विवाद हुआ हो. कुछ हफ्तों पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने भी इस मामले में सवाल उठाए थे. भाषा के अनुसार, मलिक ने कहा था कि अगर टीकाकरण प्रमाणपत्र पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर लगाई जाती है तो कोविड-19 से जान गंवाने वालों के मृत्यु प्रमाणपत्र पर भी उनकी तस्वीर लगाई जानी चाहिए.