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किंजल हत्याकांड का महज 5 घंटे में पुलिस ने किया खुलासा, युवती सहित पांच आरोपी गिरफ्तार

एटा। जिला पुलिस ने तीन वर्षीय बालिका किंजल हत्याकांड का खुलासा करते हुए एक महिला समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुुुताबिक हृदेश गुप्ता पुत्र राधेश्याम गुप्ता निवासी दतौली थाना जैथरा ने थाना जैथरा पर देर रात सूचना दी कि उसकी तीन वर्षीय पुत्री सुुबह 09.00 बजे से लापता है, जो काफी तलाशने पर भी नहीं मिली।

सूचना पर थाना जैथरा पर मुअसं- 327/2020 धारा 363 भादवि पंजीकृत कर थानाध्यक्ष जैथरा चैकी प्रभारी धुमरी के साथ मय फोर्स घटनास्थल पर रवाना हुए तथा उच्चाधिकारियों को सूचना दी। घटना की संवेदनशीलता को देखते हुये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एटा स्वयं घटनास्थल के लिये रवाना हुये तथा अपर पुलिस अधीक्षक एटा, अपर पुलिस अधीक्षक अपराध, क्षेत्राधिकारी अलीगंज, क्राइम ब्रांच की स्वाॅट तथा सर्विलांस टीम के अतिरिक्त थानाध्यक्ष बागवाला तथा प्रभारी निरीक्षक कोतवाली देहात को रवाना किया गया।

पुलिस टीम ने त्वरित कार्यवाही करते हुये घटना का मजह पांच घण्टे में ही अनावरण करते हुए लापता बच्ची का शव अभियुक्तगण की निशांदेही पर बरामद कर लिया। पुलिस ने घटना में शामिल सभी पांचों अभियुक्तों की गिरफ्तारी कर लिया है। पुलिस के मुताबिक हृदेश गुप्ता की अपने चचेरे भाईयों कालीचरण, बु़द्धपाल व करु उर्फ पूरनमल पुत्रगण द्वारिका प्रसाद गुप्ता से लम्बे समय से रंजिश चली आ रही थी। एक हफ्ते पहले करु का हृदेश के पिता से शराब पीकर झगड़ा हुआ था, जिसे लोगों द्वारा समझा बुझाकर शांत करा दिया गया था।

गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया गया कि अभियुक्त कालीचरन की पुत्री का अपने ही गांव के युवक के साथ दोस्ती को लेकर बच्ची के पिता द्वारा गांव वालों से टिप्पणी व अपमानजक बातें की गयी थी। जिससे कालीचरन के परिजनों द्वारा अपनी बेज्जती महसूस की गयी। इसी बात को लेकर सभी ने हृदेश गुप्ता को सबक सिखाने का निश्चय किया। वादी की भतीजी का चाचा करु जोकि एक हत्या के मामले में आजीवन कारावास का सजायाफ्ता है। (वर्तमान में माननीय न्यायालय में अपील लम्बित चल रही है) से वादी की भतीजी ने हृदेश गुप्ता द्वारा किये जा रहे प्रचार की शिकायत की तो उसने भी हृदेश को सबक सिखाने की ठान ली।

कल (27 जुलाई) समय करीब प्रातः 08.00 बजे मृतक बच्ची अपनी बुआ वंदना की गोद में खेल रही थी, इसी दौरान वादी की भतीजी द्वारा बच्ची को कुरकुरे खिलाने के बहाने से बुआ की गोद से ले लिया और अपनी परचून की दुकान से घर ले जाकर घर में दुपट्टे से उसका गला दबाकर उसकी हत्या कर दी और शव को घर में छुपा दिया। करीब 10.00 बजे बच्ची के पिता हृदेश गुप्ता द्वारा बच्ची को नहलाने के लिये तलाशने पर जब वो नहीं मिली तो भतीजी और उसके पिता कालीचरन से पूछाने उसने बताया कि थोड़ी देर पहले बच्ची यहां से चली गयी है।

हृदेश गुप्ता व गांव के लोगों द्वारा सभी सम्भावित स्थानों पर बच्ची को तलाशा गया पर वह नहीं मिली, इस दौरान आरोपी की भतीजी तथा उसका युवक दोस्त भी साथ-साथ तलाशते रहे। जब पुलिस टीम द्वारा वादी की भतीजी व उसके दोस्त से सख्ती से पूछताछ की गयी तो वादी की भतीजी ने बताया कि हृदेश गुप्ता उसके दोस्त के साथ उसके सम्बन्धों को लेकर मेरी व मेरे परिवार की बदनामी गांव में कर रहा था, मेरे पिता व चाचा भी इस घटना से नाराज थे।

इस बात को लेकर हम सभी ने हृदेश गुप्ता को सबक सिखाने का निश्चय किया। आज सुबह करीब 08.00 बजे जब बच्ची अपनी बुआ के पास खेल रही थी, मैं उसे खिलाने के बहाने अपने घर ले आई, उस समय मेरे दोनों चाचा करु, बु़द्धपाल व पिता कालीचरन घर में मौजूद थे। मैं बच्ची को छत पर ले गयी और अपने दोस्त को भी छत पर बुला लिया। मेरे दोस्त ने बच्ची को पकड़ लिया और मैंने अपनी चुन्नी (दुपट्टा) से बच्ची का गला घोंट दिया फिर एक बोरी में शव को बंद करके दूसरी बोरी मेें डालकर अपने मकान के पीछे बने खंडहरनुमा मकान की सीड़ियों के नीचे शव को छुपा दिया। जब बच्ची की तलाश शुरु हुई तो मेरे चाचा करु व बुद्धपाल सिढ़पुरा चले गये तथा पिता कालीचरन भी घर से बाहर चले गये। मैं तथा अमन, किंजल के घरवालों के साथ उसे ढूढ़ने का नाटक करते रहे।

मालूम हो कि आरोपी करु व बुद्धपाल द्वारा अपने तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर वर्ष 1997 में नवीशेर निवासी दतौली थाना जैथरा की हत्या की थी, जिसके सम्बन्ध में मुअसं- 133/97 धारा 147, 148, 149, 302 भादवि थाना जैथरा पर पंजीकृत हुआ था। इसमें करु व बुद्धपाल को अपने साथियों सहित वर्ष 2002 में आजीवन कारावास की सजा हुई थी।

रिपोर्ट-अनंत मिश्रा

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