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पुलिसिया उत्पीड़न में शामिल दरोगा और सिपाहियों को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाए – रामाशीष राय

लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने कहा कि श्रीकांत त्यागी की पत्नी अनु त्यागी के साथ स्थानीय पुलिस ने बर्बरतापूर्ण एवं संवेदनहीन व्यवहार किया है जो सर्वथा निंदनीय है और इस घटना ने उत्तर प्रदेश की मित्र पुलिस का चेहरा बेनकाब कर दिया है। उन्होंने कहा कि अनु त्यागी को अवैध रूप से हिरासत में लेकर प्रताड़ना दी गयी और त्यागी के बच्चे घर पर अकेले खाने पीने के लिए तड़पते रहे। इस तरह का पुलिसिया व्यवहार अंग्रेजों के जमाने में होता रहा होगा। ऐसा लगता है कि सरकार भी संवेदनहीन हो गयी है नहीं तो अब तक पुलिसवालों का निलम्बन हो गया होता।

श्री राय ने कहा कि पश्चिम उत्तर प्रदेश की यह घटना एक बार पुनः माया त्यागी काण्ड की याद दिलाता है जब माया त्यागी को नग्नावस्था में सड़कों पर पुलिस दरोगा द्वारा घुमाया गया था। तब किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह धरने पर बैठ गये थे और आन्दोलन की घोषणा कर दी थी। दस लाख गिरफ्तारियां दी गयी थी। उन्होंने कहा कि एक तरफ देश के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से महिला सुरक्षा और संरक्षण की बात करते हैं परन्तु योगी राज  में  महिला उत्पीड़न, अपहरण, बलात्कार की बाढ आ गयी है परन्तु केन्द्र सरकार चुप्पी साधे हुये है।

श्री राय ने कहा कि अनु त्यागी के साथ पुलिसिया उत्पीड़न में शामिल दरोगा और सिपाहियों को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाए। साथ ही साथ यह भी मांग की कि प्रदेश में महिला उत्पीडन की घटनाओं पर तत्काल अंकुश लगाया जाय। उन्होेंने कहा कि राष्ट्रीय लोकदल सदैव महिलाओं के प्रति संवेदनशील रहा है हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयन्त सिंह भी इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। यदि शीघ्र ही सरकार और प्रशासन द्वारा निर्णय नहीं लिया गया तो राष्ट्रीय लोकदल अपने आन्दोलन की रूपरेखा तय करेगा।

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