रायबरेली। आलू के दामों की अंधाधुंध बढ़ोतरी से आम जनमानस परेशान हो उठा है। वहींं टमाटर तथा मटर भी इस महंगाई में आग में घी डालने जैसा काम कर रहा है। जिले से लेकर कस्बे तक के लोग परेशान हैं खरगपुर कुर्मियाना की रहने वाली सन्जुलता कहती हैं कि आलू के दाम जब से बढ़ना शुरू हुए हैं रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं ।वह कहती हैं आलू ही एक ऐसी सब्जी है जिसका ज्यादा प्रयोग घरों में होता है।उन्होंने केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा है कि आलू की इस कमरतोड़ महंगाई को शीघ्र रोका जाए। टमाटर और मटर के दामों में हो रही बेतहाशा वृद्धि से सभी परेशान हैं।
घोरवारा के सब्जी व्यवसाई दिनेश मौर्य का कहना है कि पहले हम लोग बाजार के दिन 1 कुंटल आलू बेच लेते थे परंतु अब 20 किलो आलू बेचना मुश्किल हो रहा है वह कहते हैं कि आलू महंगा होने के साथ-साथ उनका रोजगार भी धीमा हो गया है। घरों की रसोइयों में महंगाई की वजह से प्याज टमाटर आलू की सब्जियां बनाना मुश्किल हो रहा है।
महंगाई से सभी त्रस्त, व्यापारी परेशान
सब्जियों के दाम इतने बढ़ गए हैं ।कि आम आदमी से दूर हो गए हैं। घरों की रसोइयों में आलू प्याज टमाटर मटर की सब्जी बनना मुश्किल हो गया है। महंगाई की वजह से दुकानदारों में सब्जी की बिक्री कम हो गई है। आलू ₹50 किलो टमाटर ₹60 किलो मटर ₹100 किलो प्याज ₹60 किलो होने के कारण आम आदमी सब्जी खरीदने के लिए अपनी जेब कटोल ते हैं।
हरी सब्जी पालक ₹30 किलो मेथी ₹60 किलो बैंगन ₹30 किलो ऐसे में गरीब परिवारों को अपना परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है गरीब हो या अमीर हो हर घर में आलू की सब्जी बनती थी, इस समय अपनी जेब टटोल ते हुए 1 किलो आलू खरीदना मुश्किल हो रहा है। जिससे छोटे छोटे व्यापारियों को अपना परिवार चलाना भी मुश्किल हो रहा है।
रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा