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बख्शी का तालाब है सबसे कठिन चुनाव वाली सीट, गेमचेंजर साबित होते हैं मतदाताओं के वोट

लखनऊ। लखनऊ के बख्शी का तालाब (बीकेटी) विधानसभा (संख्या-169)का एक बड़ा हिस्सा कभी महोना विधान सभा में आता था। यह बात 2007 से पहले की थी। विधान सभा चुनाव 2022 में इस बार भी जीत का सेहरा उसके ही सिर बंधेगा जिस प्रत्याशी के पक्ष में ब्राह्मण और मुस्लिम मतदाता वोट करेंगे।

आइए जानें क्या है कारण?

कारण ये है कि बीकेटी क्षेत्र में करीब एक लाख यादव वोटर हैं। मतदाताओं में रावत वर्ग के 70 से 80 हजार और गौतम वर्ग के 25 से 30 हजार मतदाता हैं। इसी तरह करीब 35 हजार ठाकुर, 40 से 45 हजार लोधी और अन्य बैकवर्ड वर्ग के 50 से 60 हजार मतदाता हैं। वहीं, करीब 40 हजार ब्राह्मण और 30 से 35 हजार मुस्लिम मतदाता हैं।

बीकेटी विधानसभा सीट जिले की सबसे कठिन चुनाव वाली सीट

इस इलाके से लगातार ठाकुर, ब्राह्मण और यादव वर्ग के प्रत्याशी जीतते आए हैं। बीकेटी इलाके में यूं तो कई वर्गों के मतदाता बड़ी संख्या में हैं, लेकिन कम संख्या वाले ब्राह्मण और मुस्लिम वर्ग ज्यादा निर्णायक साबित होते रहे हैं। कई पार्टियों के पदाधिकारियों का मानना है कि बीकेटी विधानसभा सीट जिले की सबसे कठिन चुनाव वाली सीट है। इस क्षेत्र में कई जातियों का मिलाजुला असर है। ऐसे में एक खास वर्ग जिस ओर मुड़ जाता है, जीत उसी प्रत्याशी की होती है। ब्राह्मण, ठाकुर और ओबीसी के वोट गेमचेंजर साबित होते हैं।

किसने जीता था पिछला चुनाव?

बीकेटी सीट पर साल 2017 में जहाँ भारतीय जनता पार्टी के अविनाश त्रिवेदी ने जीत दर्ज़ की थी, वहीं साल 2012 में समाजवादी पार्टी से गोमती यादव ने मैदान चुनावी मैदान में झण्डे गाड़े थे।

एक नज़र साल 2017 के चुनावों के नतीजों पर

भाजपा प्रत्याशी अविनाश त्रिवेदी को कुल 96,482 वोटों से विजयी हुए थे। वहीं, बसपा से नकुल दुबे को 78,898 वोटों से ही सन्तोष करना पड़ा था। इनके अलावा, सपा से गोमती यादव को मात्र 74,995 वोट ही मिल पाए थे। बाकी लोकदल के राजेंद्र यादव को 4283 वोट मिले पाए थे। बीकेटी सीट पर 13 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था इस सीट से और 66.88% यानी 2,64,762 वोट पड़े थे

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