लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के समक्ष सेण्टर फॉर रिसर्च इन स्कीम्स एण्ड पॉलिसीज (सीआरआईएसपी) द्वारा तैयार की गई प्रोजेक्ट फॉर एक्सिलेंस इन हायर लर्निंग एण्ड एजुकेशन इन यूपी (PEHLE-UP) परियोजना का प्रस्तुतीकरण किया गया। मुख्य सचिव ने कहा कि वर्तमान समय की आवश्यकता के अनुसार युवाओं को शिक्षित करने के साथ-साथ वोकेशनल ट्रेनिंग भी प्रदान की जाये, जिससे युवा स्किल्ड हो और वह देश व प्रदेश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे सकें। सभी केन्द्रीय व राज्य विश्वविद्यालय आपसी समन्वय से प्रदेश में शिक्षा का स्तर और बेहतर बनाने के लिये कार्य करें।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में स्थानीय भाषा को बढ़ावा देने का प्राविधान किया गया है, इसलिये हिन्दी भाषा को बढ़ावा देने के लिये हिन्दी में विज्ञान, सामाजिक विज्ञान आदि विभिन्न विषयों पर केन्द्रित जॉर्नल प्रकाशित कराये जायें। शिक्षण संस्थान हिन्दी को बढ़ावा देने के लिये कार्य करें। विश्वविद्यालयों की मान्यता एवं रैकिंग सम्बन्धी जानकारी को ऑनलाइन पोर्टल पर प्रदर्शित किया जाये। प्रदेश में ऐसा प्रतियोगी माहौल तैयार किया जाये कि सभी शिक्षण संस्थान रैकिंग के लिये बढ़-चढ़कर हिस्सा लें।
सीआरआईएसपी के संस्थापक सदस्य एवं पूर्व आईएएस अधिकारी आर सुब्रमण्यम ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि उत्तर प्रदेश को शिक्षा का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिये PEHLE-UP परियोजना तैयार की गई है। इस परियोजना में उनकी संस्था कॉलेजों में रैकिंग सुधार, मार्केट की जरूरत के अनुसार कोर्स व इंटर्नशिप प्रोग्राम, नवाचार को बढ़ावा तथा एनईपी-2020 को लागू करने में उत्तर प्रदेश का सहयोग करना चाहती है। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने सीआरआईएसपी के संस्थापक सदस्यों को ओडीओपी के उत्पाद भेंट किये।
बैठक में मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार प्रो डीपी सिंह, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा सुधीर एम बोबड़े, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार, प्रमुख सचिव व्यावसायिक शिक्षा सुभाष चन्द्र शर्मा, सचिव कृषि शिक्षा अनुराग यादव सहित सम्बन्धित विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण तथा सीआरआईएसपी के संस्थापक सदस्य श्री सीतारमण जनार्दन कुंते (पूर्व आईएएस) आदि उपस्थित थे।