पंजाब कांग्रेस कृषि कानूनों समेत अन्य मुद्दों को लेकर राजधानी दिल्ली में है. खुद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह समे लाव लश्कर के साथ दिल्ली पहुंचे हैं. इस दौरान उन्होंने अपने मुद्दों को लेकर राष्ट्रपति से मिलने की इच्छा जाहिर की. राष्ट्रपति ने मिलने की लिए वक्त नहीं दिया तो मुख्यमंत्री मंत्री और वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिद्धू समेत तमाम कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता जंतर मंतर पहुंचे. यहां प्रदर्शन के बाद राजघाट पर धरने पर बैठ गए.
इस दौरान मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि मैंने यह स्पष्ट कर दिया है कि केंद्र का हमारे किसानों के प्रति रवैया और राज्य के अधिकारों को कम आंकना सही नहीं है. सीएम के तौर पर मेरे राज्य और मेरे लोगों की सुरक्षा और सुविधा का ध्यान रखना मेरा काम है. उन्होंने कहा कि ये कोई मोर्चा बंदी नहीं है, बल्कि अपनी आवाज को पहुंचाने का तरीका है.
सौतेला व्यवहार कर रहा केंद्र
सीएम ने केंद्र सरकार पर सौतेले व्यवहार का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रीय ग्रिड से उन फंडों से बिजली खरीद रहे हैं, जिनके साथ हम बचे हैं. यही नहीं त्रैमासिक जीएसटी प्राप्त करने की संवैधानिक गारंटी मार्च से पूरी नहीं हुई है और लंबित है. 10,000 करोड़ रुपए अब तक देय है. ऐसा सौतेला व्यवहार ठीक नहीं है.
राष्ट्रपति ने नहीं दिया समय
सीएम अमरिंदर ने कहा कि हमने प्रदेश के हालातों के बारे में बताने के लिए राष्ट्रपति से समय मांगा, जो उन्होंने नहीं दिया. फिलहाल हमने पीएम से समय नहीं मांगा है, लेकिन सही समय आने पर उनके पास भी जाएंगे. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिद्धू भी नजर आए. उन्होंने भी कहा कि प्रदेश के किसानों के और गरीबों के साथ दोहरा व्यवहार कर रही है केंद्र सरकार.