लखनऊ। राजधानी के चिनहट (Chinhat) इलाके में स्थित प्राथमिक विद्यालय देवरिया (primary school Deoria) में पहने वाले बच्चीं का भविष्य (future) भगवान् भरोसे है। विद्यालय में पसरी गन्दगी व बेतरतीब रखी लकड़ियां और नित्य बच्चों के हाथ में झाड़ू, इस विद्यालय में पढ़ाई के स्तर (level of education) की सहजता से अनुभूति कराते हैं।
New Light School के Annual function में बच्चों ने Cultural Programs प्रस्तुत कर मन मोह लिया
ग्रामीणों (villagers) का कहना है कि विद्यालय के मौजूदा हालात के लिए प्रधानाध्यापिका (headmistress) जिम्मेदार हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) से इसकी शिकायत कर कार्यवाही करने की मांग की गयी है। यदि बीएसए ने उचित कदम नहीं उठाया तो विद्यालय में बच्चीं की संख्या नगण्य हो जाएगी।
प्राथमिक विद्यालय देवरिया में पढ़ रहे बच्चों के भविष्य का कोई पुरसाहाल नहीं है। ग्राम प्रधान और ग्रामीणों का आरोप है कि विद्यालय में पढ़ाई के समय प्रायः झगड़ा व गाली-गलौज होता रहता है। प्रधानाध्यापिका आशा यादव दबंग किस्म की हैं और कहती हैं कि विभाग के उच्च अधिकारियों से मेरी निकटता है, कोई कुछ नहीं कर पायेगा।
यही नहीं आशा यादव बच्चों को अक्सर बात बात पर मारती भी हैं। इन तमाम वजहों से बच्चे विद्यालय आने से डरते हैं, जो आते भी हैं उन्हें भी देखने और सहेजने वाला कोई नहीं है। जब राजधानी के प्राथमिक विद्यालय का यह हाल है तो प्रदेश के दूर-दराज के विद्यालयों के हालात के बारे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
ग्रामीणों ने विद्यालय के इस दशा के लिए यहां पर कार्यरत प्रधानाध्यापिका आशा यादव को जिम्मेदार ठहराया। ग्रामीणों ने बताया कि प्रधानाध्यापिका आशा यादव द्वारा आये दिन विद्यालय के समय शिक्षकों से झगड़ा व गाली गलौज किया जाता है।
इस मामले में पूर्व में आशा यादव के ख़िआलफ एफआईआर चुकी है। वर्ष 2019 मे तत्कालीन ग्राम प्रधान राकेश निषाद और अन्य ग्रामीणों ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को शिकायती पत्र देकर प्रधानाध्यापिका के खिलाफ कार्यवाही की मांग की गयी थी, लेकिन आज तक कार्यवाही नहीं हुई।
विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षा मित्र ने भी ग्रामीणों की शिकायत को सही ठहराते हुए विद्यालय की मौजूदा दशा के लिए प्रधानाध्यापिका आशा यादव को जिम्मेदार ठहराया।
Health Tips: हाई बीपी को कंट्रोल में रखने के लिए करें ये वर्कआउट, इन जरूरी बातों का रखें ध्यान
विद्यालय की शिक्षिकाओं और शिक्षा मित्र द्वारा भी वर्ष 2019 में बेसिक शिक्षा अधिकारी को प्रार्थनापत्र देकर प्रधान अध्यापिका आशा यादव पर विद्यालय के समय शिक्षकों से झगड़ा और गाली-गलौज करने का आरोप लगाते हुए कार्यवाही की मांग की थी। शिक्षिकाओं ने बताया कि अपने व्यवहार के लिए विद्यालय के स्टाफ से लिखित में माफी भी मांग चुकी हैं।
हालांकि जल्द ही उनका पुराना रवैया फिर शुरू हो गया। शिक्षिकाओं का कहना है कि यदि जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा प्रधानाध्यापिका आशा यादव के व्यवहार और विद्यालय की दशा को संज्ञान लेकर कार्रवाही नहीं की तो विद्यालय में बच्चों की संख्या प्रभावित होगी।