लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने कहा कि पांचों राज्यों में विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश की जनता के दुख दर्द की याद आना प्रारम्भ हुआ है यही कारण है कि अब आम जरूरत की वस्तुओं की जीएसटी 18 प्रतिशत करने की तैयारी हो रही है। देश के वित्त मंत्री अरूण जेटली की मंशा के अनुरूप केवल 28 प्रतिशत जीएसटी लागू करके आम जनता के परिवार के पालन पोषण में किसी भी प्रकार की हमदर्दी भाजपा ने करने की आवश्यकता नहीं समझी।
तीन साल के दर्द ने भाजपा को सत्ता से बाहर किया : डॉ. मसूद
डॉ. मसूद अहमद ने कहा कि जिस प्रकार तीन वर्ष तक लगातार पेट्रोल और डीजल की कीमते बढाकर देश के लोगो की जेब पर डाका डाला गया और सम्पन्न हुये विधान सभा चुनाव को दृष्टि में रखकर विगत चार महीने से धीरे धीरे करके पेट्रोल और डीजल की कीमत वोट के लालच में कम की गयी, परन्तु पांचो राज्यों की जनता ने तीन साल के दर्द को सामने रखकर मतदान किया और भाजपा को सत्ता से बाहर कर दिया।
जीएसटी कम करने की साजिश
डॉ. अहमद ने कहा कि भाजपा के कर्णधार इस साजिश को नाकाफी मान रहे हैं। यही कारण है कि लोकसभा चुनाव से पहले आम जरूरत की चीजों पर जीएसटी कम करने की साजिश रच रहे हैं ताकि जनता को बहला फुसलाकर दोबार वोट ले सकें।
स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू
रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पेट्रोल और डीजल तथा जीएसटी से भी अधिक किसानों और नौजवानों की पीड़ा है क्योंकि पांच वर्ष से स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू होने का रास्ता किसानों ने देखा और 2 करोड नौकरियां प्रतिवर्ष पाने की प्रतीक्षा नौजवानों को रही। दोनो ही वर्गो की निराशा पांचों राज्यों के चुनाव का परिणाम है। किसान मसीहा चौ0 चरण सिंह ने कहा था कि “देश की तरक्की का रास्ता खेत और खलिहानों से होकर गुजरता है” भाजपा ने स्पष्ट रूप से इसको नकारा है।
चौ0 चरण सिंह के सपनों का भारत
देश का किसान और नौजवान चौ0 चरण सिंह की नीतियों की ओर आशा भरी नजरों से देख रहा है। आगामी लोकसभा चुनाव किसान मसीहा की नीतियों पर आधारित होगा और देश में किसानों और नौजवानों की लोकप्रिय सरकार का गठन होगा ताकि चौ0 चरण सिंह के सपनों का भारत बन सके।