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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ली एनसीसी परेड की सलामी, 24 देशों के कैडेट्स ले रहे हिस्सा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को दिल्ली के करियप्पा परेड ग्राउंड पहुंचे, जहां उन्होंने ‘एनसीसी पीएम रैली’ की सलामी ली। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। एनसीसी की इस साल की परेड में 24 देशों के कैडेट्स भाग ले रहे हैं। पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक, इसमें ‘अमृतकाल की एनसीसी’ की थीम पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी शामिल है। जिसमें अमृत पीढ़ी के योगदान और सशक्तिकरण को दिखाया जाएगा।

सरपंच और महिलाएं अतिथि के रूप में मौजूद
पीएमओ ने कहा,भारत की सच्ची वसुधैव कुटुंबकम की भावना के तहत इस साल रैली में 24 देशों के 2,200 से ज्यादा एनसीसी कैटेट भाग ले रहे हैं। एनसीसी पीएम रैली में खास मेहमानों के रूप में वाइब्रेंट गुजरात के चार सौ से ज्यादा सरपंच शामिल होंगे। इसके अलावा, देश के कोने-कोने से विभिन्न स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी सौ से अधिक महिलाएं भी कार्यक्रम शामिल होंगी।

विकसित भारत के लिए अगले 25 वर्ष महत्वपूर्ण
इससे पहले, प्रधानमंत्री ने बुधवार को गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे एनसीसी कैडेट्स, एनसएस के स्वयंसेवकों और कलाकारों के साथ बातचीत की थी। प्रधानमंत्री ने उनसे विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपने संकल्पों को मजबूत करने का आग्रह किया। एनसीसी और एनएसएस के सदस्यों से पीएम मोदी ने कहा था कि अगले पच्चीस वर्ष देश के लिए महत्वपूर्ण हैं। देश ने 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने का संकल्प लिया है।

अमृत काल को उर्जा देगी अमृत पीढ़ी
उन्होंने आगे कहा, मेरा मानना है कि आप अमृत पीढ़ी हैं, क्योंकि आपकी उर्जा ही अमृत काल को गति देगी। आप जानते हैं कि हमारे देश ने 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने का फैसला किया गया है। आपके अगले पच्चीस साल देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। मैंने लाल किले की प्राचीर से भी कहा था कि यही सही समय है। समय आपका है। आपका प्रयास, आपका नजरिया और क्षमता भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।

भारत को विश्वमित्र के रूप में देख रही दुनिया
प्रधानमंत्री ने कहा, आज दुनिया भारत को ‘विश्वमित्र’ के रूप में देख रही है। भारतीय पासपोर्ट की ताकत बढ़ रही है। कई देश भारत की युवा प्रतिभाओं की प्रतीक्षा कर रहे हैं। मैं अक्सर कहता हूं कि इस अमृत काल में यानी आने वाले पच्चीस वर्षों में हम भारत का निर्माण करने जा रहे हैं, उसका जो फायदा मोदी को होगा, उसके सबसे बड़े लाभार्थी आप जैसे युवा हैं। लाभार्थी वे छात्र होंगे, जो अभी स्कूल, कॉलेज में हैं।

हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयां हासिल कर रहीं भारत की बेटियां
उन्होंने कहा, इस साल देश 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। कल कर्तव्य पथ पर हमने देखा कि समारोह महिला केंद्रित था। हमने दुनिया को दिखाया कि भारत की बेटियां कितना शानदार काम कर रही हैं। हमने दिखाया है कि भारत की बेटियां हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयां हासिल कर रही हैं।

‘एक दुनिया-एक परिवार’ के मकसद को मजबूत कर रही रैली
वार्षिक एनसीसी पीएम रैली में उन्होंने आगे कहा, इस साल वाइब्रेंट गुजरात के गांवों के 400 से ज्यादा सरपंच औ देश के विभिन्न हिस्सों से स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 100 महिलाएं यहां मौजूद हैं। मैं उन सभी का स्वागत करता हूं। एनसीसी की यह रैली ‘एक दुनिया-एक परिवार’ के मकसद को लगातार मजबूत कर रही है। 2014 में 10 देशों के एनसीसी कैडेट्स ने इस रैली में हिस्सा लिया था। इस साल 24 देशो के कैडेट्स यहां रैली में मौजूद हैं। मैं इन 24 देशों के सभी युवा कैडेट्स का भी स्वागत करता हूं।

तीनों सेनाओं में महिलाओं के लिए खुले दरवाजे
उन्होंने कहा, हमने तीनों सशस्त्र बलों के दरवाजे महिलाओं के लिए खोल दिए हैं। उन्होंने कहा अग्निवीर से लेकर लड़ाकू पायलट तक महिलाओं की भागीदारी काफी बढ़ी है।प्रधानमंत्री ने आगे कहा, भारत अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस ऐतिहासिक क्षण को देश की नारी शक्ति को समर्पित किया गया है। कल हम सभी ने कर्तव्य पथ पर नारी शक्ति की क्षमताओं को देखा। हमने दुनिया को दिखाया कि कैसे भारत की नारी शक्ति अद्भुत काम कर रही हैं और कैसे वे हर क्षेत्र में मील के पत्थर हासिल कर रही हैं। यह पहली बार था जब महिला दल ने इतनी बड़ी संख्या में भाग लिया।

सीमांत गांवों के लिए चलाई वाइब्रेंट विलेज योजना
उन्होंने कहा, हमारे देश में सीमा के इलाकों को नजरअंदाज किया गया। पहले की सरकार कहती थी कि अगर सीमावर्ती इलाकों में सड़कें बन जाएं तो दुश्मन को आसानी हो जाएगी। सीमावर्ती क्षेत्रों के बसे गांवों को अंतिम गांव कहा जाता था। हमारी सररकार ने इस सोच को बदला और सीमा क्षेत्रों में बसे गांवों को पहला गांव माना। इन गांवों के विकास के लिए वाइब्रेट विलेज योजना चलाई जा रही है। प्रधानमंत्री ने वार्षिक एनसीसी पीएम रैली में कैडेट्स को पुरस्कार और पदक प्रदान किए।

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