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धर्मेंद्र प्रधान ने अभ्यर्थी के पूर्व-अर्जित ज्ञान को श्रेय देने की व्यवस्था पर परामर्श में लिया भाग

नयी दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विद्यार्थियों एवं प्रशिक्षुओं की पहले किसी पाठ्यक्रम की किसी अन्य संस्था में पहले की पढ़ाई या कार्य अनुभव का लाभ देने की व्यवस्था नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (एनसीआरएफ) पर हितधारकों की सोमवार को यहां परामर्श बैठक में भाग लिया।

शिक्षा मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में दिल्ली में आयोजित इस बैठक में एनसीवीईटी इंडिया के अध्यक्ष डॉ. एनएस कलसी, आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी, श्री. राकेश रंजन (अतिरिक्त सचिव, शिक्षा मंत्रालय) तथा अनेक शिक्षाविद उपस्थित थे।

बयान के मुताबिक श्री प्रधान ने कहा कि एनईपी 2020 ज्ञान, कौशल और रोजगार के बीच की बाधाओं को दूर करने के लिए क्रेडिट (पूर्व में अर्जित ज्ञान एवं अनुभव को श्रेय देने की व्यवस्था) ढांचे को सब जगह एक तरह से लागू करने की की परिकल्पना करता है। इसका उद्येश्य सीखने और कौशल के बीच निर्बाध गतिशीलता सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रकार की शिक्षा के लिए एक पूर्व में अर्जित ज्ञान के प्रमाण और उसके हस्तांतरण प्रणाली की स्थापना करना है।

उन्होंने आगे कहा कि भारत की युवा आबादी का लाभ उठाने के लिए हमें एक समान अवसर और सभी को समान अवसर प्रदान करने होंगे। यह केवल सभी प्रकार के पारंपरिक, अपरंपरागत और अनुभवात्मक ज्ञान भंडारों को पहचानने, लेखांकन और औपचारिक रूप से प्राप्त किया जा सकता है।

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