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व्यापारी सुरक्षा प्रकोष्ठ की मासिक बैठक कर उद्यमियों की समस्या का नियमित निस्तारण कराया जाएगा : मनीष गुप्ता

लखनऊ। उत्तर प्रदेश व्यापारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष मनीष गुप्ता ने आज यहां जवाहर भवन (आठवें तल) स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में मीडिया प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के व्यापारियों की मांग के आधार पर सेल टैक्स/वैट/वाणिज्य कर व मनोरंजन कर, केबल टीवी ऑपरेटर के लम्बित विभिन्न बकाये, ब्याजों व मुकदमों के निस्तारण के लिए एकमुश्त समाधान योजना पूरे प्रदेश में लागू किए जाने हेतु उनके द्वारा राज्य सरकार को संस्तुति भेज दी गई है। इससे प्रदेश के लाखों व्यापारियों को इसका लाभ मिलेगा और राज्य सरकार को भी भारी राजस्व की प्राप्ति होगी। इसके साथ ही ओटीएस की धनराशि को जमा करने के लिए किस्तों में भुगतान किये जाने की संस्तुति भी की है।

व्यापारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों/पुलिस अधीक्षकों/ नोडल अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि व्यापारी सुरक्षा प्रकोष्ठ की मासिक बैठक कर व्यापारी/उद्यमियों की समस्या का निस्तारण जिला स्तर पर ही कराकर प्रतिमाह प्रगति रिपोर्ट से बोर्ड को अवगत करायेंगे। उन्होंने कहा कि होटल व्यवसाय को उद्योग का दर्जा प्रदान किये जाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिससे प्रदेश में होटल इंडस्ट्री के व्यवसाय व औद्योगीकरण से संबंधित सुविधाएं प्राप्त हो सकेगीव्यापारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष ने कहा कि लूट, हत्या, आगजनी, दंगों इत्यादि से प्रभावित उद्यमियों/व्यापारियों के प्राथमिकता के आधार पर शस्त्र लाइसेंस प्रदान किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि विभिन्न संस्थानों जैसे यूपीएसआईडीसी, विकास प्राधिकरण, आवास विकास परिषद, मंडी परिषद आदि व्यवसायिक संस्थानों में व्यापारियों और उद्यमियों के लिए व्यावसायिक संपत्तियों की नीलामी, आवंटन, विक्रय की प्रक्रिया तत्काल पूर्ण कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में ऑनलाइन सिंगल विण्डो सिस्टम लागू है, जिससे संबंधित विषयों की मासिक समीक्षा बोर्ड द्वारा की गयी तथा लंबित प्रकरणों का समय पर निस्तारण किया जायेगा। नगर निगमों/नगर महापालिकाओं में रेन्ट की सम्पत्तियों के बढ़े हुए किरायों को पुनः वापस पुरानी दरों पर अथवा विधिसम्मत दरों पर लेने के लिए संस्तुति भेजी जा रही है।

व्यापारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष ने कहा कि उप्र के विभिन्न हिस्सों में भारत विभाजन के पश्चात आए हुए नागरिकों को आवास व व्यवसाय हेतु दुकान, मकान आदि उपलब्ध कराये गये थे, जो कि राज्य सरकार की संपत्ति है, जिनके रखरखाव का कार्य प्रदेश के विभिन्न नगर पालिकाओं, नगर निगमों आदि विभागों को दिया गया था। आजादी के 75 वर्ष पूरे होने वाले हैं। इस उपलक्ष्य में उन सभी को अपनी दुकानों, मकानों, भवनों का स्वामित्व प्रदान करने के लिए प्रचलित उनकी रजिस्ट्रीकरण करने की संस्तुति उप्र व्यापारी कल्याण बोर्ड द्वारा राज्य सरकार को भेजी जा रही है। जीएसटी/श्रम/मण्डी परिषद आदि विभागों में रजिस्टर्ड व्यापारी, उद्यमी, पल्लेदार, मजदूर, कामगारों की विभिन्न दुर्घटनाओं में घायल, मृत्यु आदि की दशा में दी जाने वाली सहायता राशि के प्रार्थना-पत्रों का प्रतिमाह मासिक निस्तारण किया जाएगा, जिसकी समीक्षा भी उप्र व्यापारी कल्याण बोर्ड द्वारा की जायेगी।

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