लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि रियल इस्टेट में सख्त कानून की कमी और सरकारी भ्रष्टाचार-लापरवाही से बिल्डर लाखों परिवारों की जीवन भर की कमाई खा गए। अपने घर या पैसे वापस लेने को गरीब-मिडल क्लास परिवार 10-15 साल से दर-दर भटक रहे हैं लेकिन मोदी सरकार ने भी उन्हें उनके हाल पर छोड़ रखा है।
सबका साथ-सबका विकास का क्या हुआ? लोगों का कहना है कि पिछली कांग्रेस और वर्तमान भाजपा सरकार ने भी लाखों घर-खरीदारों को सिर्फ निराश किया है। दोनों सरकारों की नाक के नीचे बिल्डर कई साल तक आम लोगों को लूटते रहें। 5 साल से मोदी सरकार भी पीड़ितों से मुंह फेरे बैठी है।
आम शहरी के लिए भी बजट में कुछ नहीं है। केंद्रीय बजट को लेकर लोग बहुत उत्साहित थे, लोगों में बहुत आशा और उम्मीद थी, लेकिन लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। बजट एलोकेशन भी नहीं नजर आया। सुनील सिंह ने आगे कहा कि यह बजट देश में कर्ज व मंहगाई बढाने का काम करेगा। उन्होंने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुये कहा कि देश के लोंगो को बजट से बहुत उम्मीद थी यह बजट लोगों की क्रय शक्ति और रोजगार में वृद्वि करने का काम करेगा लेकिन बजट से देष के मध्य वर्ग किसान और वंचित तबके को निराशा हुयी है।
श्री सुनील सिंह ने डीजल और पेट्रोल पर अतिरिक्त भार लगाने को किसान विरोधी बताते हुये कहा कि इससे लगता है कि सरकार किसानों से ट्रैक्टर रैली का बदला लेने का काम कर रही है। आयकर में रिटर्न दाखिल करने में वरिष्ठ नागरिकों को मिली छूट की सीमा को 75 वर्ष से घटाकर 60 वर्ष किया जाना और बजट में रोजगार के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गयी है। देश में रोजगार को लेकर युवाओं को लेकर इस बजट से बड़ी उम्मीद थी लेकिन इस बजट में युवाओं को निराशा ही हाथ लगी है।