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वाराणसी में हुई G-20 की 100वीं कृषि प्रमुख वैज्ञानिकों की बैठक

• कृषि खाद्य प्रणाली में परिवर्तन के लिए नवाचार पर जोर

• तकनीक, खाद्य सुरक्षा और पोषण समेत कई मुद्दों पर भी चर्चा

• बैठक में जी-20 के सदस्य देशों के 80 प्रतिनिधियों के अलावा आमंत्रित अतिथि देशों, अंतरराष्ट्रीय संगठन और भारत द्वारा विशेष आमंत्रित सदस्यों ने भाग लिया

• योगी सरकार ने तीन दिन तक वाराणसी में जी-20 सम्मेलन के प्रतिनिधियों की आवभगत में नहीं रखी कोई कोर कसर

वाराणसी। काशी में चल रही तीन दिवसीय जी-20 (G-20) के कृषि प्रमुख वैज्ञानिकों (एमएसीएस) की बैठक बुधवार को सम्पन्न हुई। बैठक में जी-20 के सदस्य देशों के 80 प्रतिनिधियों के अलावा आमंत्रित अतिथि देशों, अंतरराष्ट्रीय संगठन और भारत द्वारा विशेष आमंत्रित सदस्यों ने भाग लिया।

बैठक में कृषि खाद्य प्रणाली में परिवर्तन के लिए नवाचार और तकनीकी, खाद्य सुरक्षा और पोषण प्राप्त करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में फ्रंटियर्स, पोषण मूल्य बढ़ाने के लिए खाद्य फसलों में बायोफोर्टिफिकेशन, पोषण और ब्ल्यू क्रांति के लिए उष्णकटिबंधीय समुद्री शैवाल की खेती, श्रीअन्न के उत्पादन एवं पोषण के लिए प्राचीन अनाज अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान पहल (महर्षि), पर एकीकृत दृष्टिकोण के रूप में, समन्वित कार्रवाई के लिए साझेदारी और नीतियों के बनाने पर जोर दिया गया।

तीन दिन तक चली बैठक में विदेशी प्रतिनिधियों ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का अनूठा अनुभव प्राप्त किया। योगी सरकार ने प्रतिनिधियों के लिए शहर में सुविधाजनक आवागमन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक व्यवस्था और बैठक स्थल पर सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे। अतिथियों को बैठक के बाद रोज भारतीय संस्कृति, कला और धरोहरों से परिचय कराया गया।

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इसके लिए मेहमानों को क्रूज़ से विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती दिखाई गई, जिसके बाद स्वागत रात्रिभोज और ताज गंगा में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रतिनिधियों को तथागत की तपोस्थली  सारनाथ भ्रमण में भीकराया गया और उन्हें एएसआई संग्रहालय और बुद्धा स्तूप व लाइट एंड साउंड शो भी दिखाया गया। बुद्धा थीम पार्क  में अतिथियों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया था।

ताज होटल में तीन दिनों तक चली बैठक में अन्य विषयों जैसै-सीमा पार कीट और रोग, टिकाऊ कृषि खाद्य प्रणालियों के लिए अनुसंधान एवंविकास प्राथमिकताओं, टिकाऊ कृषि-खाद्य प्रणालियों के लिए जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकी और नवाचार, प्राकृतिक खेती, रेजिलिएंट एग्रीफूड सिस्टम के निर्माण के लिए विज्ञान और नवाचार, जैविक नाइट्रिफिकेशन इनहिबिशन (बीएनआई), जीएचएस उत्सर्जनको कम करना और फसल की पैदावार बढ़ाने पर चर्चा की गई।

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प्रतिनिधियों ने डिजिटल कृषि औरसतत कृषि मूल्य श्रृंखला, कृषि अनुसंधान एवं विकास में सार्वजनिक निजी भागीदारी एवं मैक्स कम्यूनिके पर विचार-विमर्श किया।

भारत और फ्रांस की द्विपक्षीय बैठक में दोनों देशों ने जलवायु परिवर्तन,न मैक्स की बैठक में कृषि अनुसंधान में भावी सहयोग के लिए आज भारत और ब्रिटेन के बीचद्विपक्षीय बैठक आयोजित की गई। यह, भविष्य में, पारस्परिक रूप से सहमत क्षेत्रों पर आपसी सहयोग के लिए प्रारंभिक चर्चा थी। जिसे दोनों देश आने वाले समय में मूर्त रूप देंगे।

प्रतिनिधियों ने आज व्यापार सुविधा केन्द्र, बड़ालालपुर का भ्रमण और स्थानीय कारीगरों के उत्पादों के लाइव प्रदर्शनों की झलक दिखाई गई। टीएफसी में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और राज्य कृषि विभाग,आईआरआरआई-एसएआरसी एनडीडीबी, एपीडा संगठनों के प्रमुख संस्थानों की कृषिप्रदर्शनियां भी लगाई गई। प्रतिनिधियों को कार्यक्रम स्थल पर श्रीअन्न के व्यंजनों को बनाने की विधि दिखाई गई।

रिपोर्ट-संजय गुप्ता 

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