घरेलू हिंसा के मामले में मुंबई सेशन कोर्ट ने राधे मां को आरोप मुक्त करते हुए बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि उनके और कथित पीड़िता के बीच कोई घरेलू संबंध नहीं था। बता दें कि आठ साल पहले राधे मां के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज किया गया था।
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38 साल की शिकायतकर्ता महिला ने 2014 में राधे मां, उनके पति और परिवार के पांच अन्य सदस्यों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि उनके ससुराल वालों ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया था और राधे मां के कहने पर दहेज की मांग की थी।
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मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा कार्यवाही से अपना नाम हटाने से इनकार करने के बाद राधे मां ने 2017 में सत्र अदालत का रुख किया था। शिकायतकर्ता ने कहा था कि राधे मां, उनके पति और ससुराल वाले उनके खिलाफ घरेलू हिंसा के कृत्यों को अंजाम देते थे। कभी-कभी राधे मां अपने ससुराल जाती थीं और उस समय घरेलू हिंसा के कार्य किए जाते थे।
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