नई दिल्ली। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) चल रहे ‘शहीद सप्ताह’ के स्मरणोत्सव के हिस्से के रूप में पिछले वर्ष कर्तव्य की पंक्ति में अपनी जान गंवाने वाले अपने 14 कर्मियों को श्रद्धांजलि दे रहा है।
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सम्मान और स्मरण के प्रतीक के रूप में, आरपीएफ अधिकारी नौ राज्यों में इन बहादुर व्यक्तियों के मातृ और पैतृक गांवों का दौरा कर रहे हैं। ये भावपूर्ण श्रद्धांजलि आरपीएफ और उन समुदायों के बीच एक गहरा संबंध विकसित कर रही है जिन्होंने इन साहसी आत्माओं को आकार दिया, साथ ही उनके बलिदान के महत्व पर भी जोर दिया।
सम्मानित किए जा रहे शहीदों में ईस्ट कोस्ट रेलवे के आरपीएफ हेड कांस्टेबल निराकार बेहरा भी शामिल हैं, जिन्होंने फरवरी 2024 में अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। 21 अक्टूबर को खुर्दा रोड डिवीजन के आरपीएफ कर्मियों द्वारा ओडिशा के गंजम जिले के नेट्टांगा में उनके विद्यालय, एमई स्कूल में एक श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया।
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इस कार्यक्रम में उनके परिवार, मित्रों और सहकर्मियों की एक भावुक सभा देखी गई। उनकी विधवा श्रीमती गीतांजलि बेहरा ने अपने पति के बलिदान को मान्यता दिए जाने के लिए गहरी कृतज्ञता व्यक्त की। रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक श्री मनोज यादव ने कहा, इनमें से प्रत्येक बहादुर आत्मा ने सेवा और बलिदान के उच्चतम आदर्शों का उदाहरण प्रस्तुत किया। उनकी विरासत हमें हमेशा हमारे रेलवे और यात्रियों की सुरक्षा और संरक्षा को बनाए रखने के लिए प्रेरित करेगी।
पूरे भारत में, आरपीएफ हमारे देश के विभिन्न हिस्सों में शहीदों के सम्मान में उनके पैतृक गांवों और स्कूलों में इसी तरह के स्मरणोत्सव कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। प्रत्येक शहीद के परिवार को भावभीनी श्रद्धांजलि और बधाई दी जा रही है, जिससे यह पुष्ट होता है कि उनके प्रियजनों द्वारा किए गए बलिदान को कभी नहीं भुलाया जाएगा।
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पूरे सप्ताह की गतिविधियों की योजना के साथ, अपने शहीद नायकों को याद करने के लिए आरपीएफ के प्रयास आरपीएफ कर्मियों की बहादुरी, बलिदान और समर्पण का सम्मान करने के लिए एक गहरी और निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं, जिन्होंने देश की रेलवे प्रणाली और रेल यात्रियों की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।
जैसा कि बल शहीद सप्ताह मनाता है, इन नायकों की अदम्य भावना उन रेलवे लाइनों पर गूंजती रहती है, जिनकी उन्होंने इतनी लगन से रक्षा की, उनका साहस हमेशा के लिए इतिहास में अंकित हो गया।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी