श्रीलंका में अगले महीने राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। इस साल के चुनाव में रिकॉर्ड संख्या में कुल 39 प्रत्याशी ताल ठोक रहे हैं। प्रत्याशियों की सूची में तीन अल्पसंख्यक तमिल और बौद्ध भिक्षु के नाम भी शामिल हैं। चुनाव आयोग ने गुरुवार को बताया कि 21 सितंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव का एक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि 39 प्रत्याशियों में एक भी महिला शामिल नहीं है। 2019 में कराए गए चुनाव में 35 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे। इससे पहले अक्तूबर, 1982 में कराए गए देश के पहले राष्ट्रपति चुनाव में केवल छह उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया था।
40 प्रत्याशियों ने दाखिल किए नामांकन, एक ने वापस लिया नाम
गौरतलब है कि श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव 2024 के लिए नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन गुरुवार, 14 अगस्त था। समय समाप्त होने के बाद देश के चुनाव आयोग ने बताया कि कुल 40 उम्मीदवारों ने जमानत राशि जमा कराई थी, लेकिन उनमें से एक ने नामांकन दाखिल नहीं करने का निर्णय लिया। ऐसे में कुल 39 प्रत्याशी मैदान में हैं। चुनाव आयोग के प्रमुख आरएमएएल रथनायके ने कहा कि तीन उम्मीदवारों के खिलाफ आपत्तियां दर्ज कराई गई थीं, लेकिन समीक्षा के बाद आयोग ने आपत्तियों को सिरे से खारिज कर दिया।
श्रीलंका में 1.7 करोड़ से अधिक मतदाता
गौरतलब है कि श्रीलंका के चुनाव में 1.7 करोड़ से अधिक मतदाता देश के राष्ट्रपति को चुनने के लिए वोट डाल सकेंगे। 22 निर्वाचन क्षेत्रों में 17 मिलियन से अधिक पात्र मतदाताओं के सामने वर्तमान राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के अलावा युवा उम्मीदवार नमल राजपक्षे जैसे विकल्प भी होंगे। इन दोनों के अलावा प्रमुख उम्मीदवारों की सूची में देश के मुख्य विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा और मार्क्सवादी जेवीपी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके जैसी हस्तियों के नाम भी शामिल हैं। 38 साल के नमल राजपक्षे को राजनीतिक खानदान- राजपक्षे वंश का उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा है।