लखनऊ। बस्ती में मनोरमा नदी लगभग 150 किमी तक फैली है और यह 2 तहसीलों और 5 ब्लॉक से होकर बहती है। यह नदी ऐतिहासिक और पौराणिक उद्देश्य से बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह बस्ती जनपद की जीवनदायिनी नदी है, इससे हजारो लोगों का जीवन यापन भी होता था। कई कारणों से यह 2-3 दशकों से अपना अस्तित्व खो रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने नदियों के पुनरुद्धार हेतु 9 नदियों को चुना है जिसमें एक नदी मनोरम भी है। इसका पुनर्जीवन तभी सम्भव है जब इसमें सभी की सहभागिता जरूरी है, विशेष कर वे 93 ग्राम पंचायत के लोग जिनको यह नदी जीवन देती है वे स्वयं सहयोग करते हुए दूसरों को सहयोग के लिए प्रेरित करें। बस्ती प्रशासन ने इसके लिए एक कार्यकारी प्रस्ताव तैयार किया है। यह सिंचाई विभाग व MNREGA मनरेगा के अंतर्गत किया जाएगा।
MNREGA के अंतर्गत 501 कार्य
मनरेगा के अंतर्गत 501 कार्य बनाये गए हैं और शासन द्वारा स्वीकृत है जिसकी लागत 32 करोड़ रुपये है तथा यह 17 लाख मानव दिवस सृजित करेगा जो 56 हजार परिवार को सीधे लाभान्वित करेगा। इस परियोजना में 10 हजार श्रमिक प्रतिदिन काम करते हुए 3 माह तक कार्य करेंगे।
इसके लिए हमे 100 इंटरमीडिएट और डिग्री कॉलेज से सहयोग प्राप्त होगा। बहुत से स्वयं सेवी संगठन, जन प्रतिनिधि, यूथ तथा आमजन इसमें कार्य करने के लिए स्वतः प्रेरित हैं। इस कार्य मे 93 ग्राम पंचातय में कुल 156 तालाब खोदे जाएंगे। जिला प्रशासन और सिंचाई विभाग मिलकर 115 किमी मनोरमा नदी की पूरी लंबाई में ड्रोन द्वारा सर्वे करके ही परियोजना बनाये हैं। 3 लाख से अधिक वृक्ष इस नदी के किनारे लगाए जाएंगे।
जिला प्रशासन ने मनोरम नदी को पुनर्जीवित करने के लिए बस्ती जिले के सभी आमजन से सहयोग की अपील किया है। नदी को पुनर्जीवित करने के लिए 15 जनवरी से 20 जनवरी के मध्य कार्य शुरू किया जाएगा। ग्राम्य विकास आयुक्त एनपी सिंह ने बताया कि इस तरह की कार्यशाला अन्य जनपदों में आयोजित की जाएगी तथा आमजन को भी इस कार्य से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन के साथ ही सभी को जल के बारे में सोचना होगा।