- Published by- @MrAnshulGaurav
- Thursday, May 26, 2022
लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे ने यूपी सरकार के बजट को किसानों के साथ धोखा बताया है। गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर सरकार पर आंकड़ों का मकड़जाल बुनने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि 2022 तक के गन्ना मूल्य भुगतान का दावा पूरी तरह से खोखला है। आज भी करीब तीन हजार करोड से अधिक का गन्ना मूल्य का भुगतान बाकी है। उनका कहना था कि किसान सम्मान निधि देने में भी किसानों के साथ भेदभाव किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने खुद भी माना है कि किसान सम्मान निधि का लाभ अधिकांश किसानों तक नहीं पहुचा है। सरकार की बीज वितरण योजना भी कुप्रबंधन का शिकार है। करीब 90 प्रतिशत किसान को आज भी बीज बाजार से खरीदने को मजबूर है। सरकारी बीज वितरण कागजों पर ही होता रहता है। सोलर पम्प का अनुदान लेना किसान के लिए संजीवनी बूटी लाने से कम नहीं है। खाद की कालाबाजारी आज भी जारी है।
श्री दुबे ने कहा कि जब नहरों में पानी ही उपलब्ध नहीं है तो फिर फ्री सिंचाई की सुविधा के पैसे कहाँ बह रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने 2022 के चुनाव से पहले लोक कल्याण संकल्प पत्र जारी किया था, जिसमें कोई भी संकल्प पूरा होता नहीं दिख रहा है।
प्रदेश के विकास की इस बजट में पोल खुल गई है आकड़ों के माध्यम से जनता को गुमराह करने का काम किया गया है। युवा वर्ग के पास रोजगार नहीं है, किसानों की आय 2022 तक दुगनी करने का वादा भी खोखला निकला। प्रदेश की जनता के ऊपर मंहगाई की मार है जिसके लिए कोई इंतजाम नहीं है।