संसद में बजट सत्र से पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि वे खुद मध्यम वर्गीय परिवार से आती हैं और इस वर्ग के सामने आने वाली परेशानियों को जानती और समझती हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की मैगजीन ‘पाञ्चजन्य’ की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने ये बातें कही।
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वित्त मंत्री ने कहा कि मैं मध्यम वर्ग से ताल्लुक रखती हूं और खुद को मध्यम वर्ग के रूप में पहचानती हूं, इसलिए मैं उन्हें समझ सकती हूं। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने मिडिल क्लास के लोगों के लिए कोई नया टैक्स नहीं लगाया है जो सालाना 5 लाख रुपये से कम कमाते हैं। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र ने मध्यम वर्ग के मुद्दे को संबोधित करते हुए स्मार्ट शहरों के निर्माण, जीवन में आसानी को बढ़ावा देने और मेट्रो रेल नेटवर्क विकसित करने जैसे कई उपाय किए हैं।
सीतारमण ने कहा कि मोदी सरकार ने अब तक के किसी भी बजट में मध्यम वर्ग पर कोई नया टैक्स नहीं लगाया है। उन्होंने कहा कि 5 लाख रुपये (वार्षिक) तक वेतन पाने वाले लोगों पर कोई कर नहीं लगाया जाता है।
सीतारमण ने कहा कि मिडिल क्लास पब्लिक ट्रांसपोर्ट का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करता है और हम 27 जगहों पर मेट्रो लेकर आए। मध्यम वर्ग के बहुत से लोग नौकरी की तलाश में शहरों की ओर जा रहे हैं और हम स्मार्ट शहरों के लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम मध्यम वर्ग के लिए अपना काम जारी रखेंगे।
मोदी सरकार गैर-निष्पादित संपत्तियों (NPA) को कम करने और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के स्वास्थ्य को कम करने के लिए 4R- Reduce, Resolve, Recapitalise, Reform पर काम कर रही है। उन्होंने ये भी कहा कि राजनीतिक दलों को अपने बजट में मुफ्त उपहार देने का वादा करना चाहिए।
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत 2013 में दुनिया की ‘फ्रैजाइल फाइव’ अर्थव्यवस्थाओं में से एक था। 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से, भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं, जिसके कारण यह अब दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। डॉलर की तुलना में रुपए में उतार-चढ़ाव के बावजूद लोगों का मानना है कि भारत में एक स्थिर सरकार है और नीतियों में कोई असंतुलन नहीं है। डॉलर को छोड़कर अन्य मुद्राओं की तुलना में भारतीय रुपया अच्छा कर रहा है।