लखनऊ। ग्राम्य विकास विभाग को मनरेगा, एनआरएलएम, पीएम व सीएम आवास जैसी योजनाओं को संचालित करने के लिए किसी विभाग से प्रतियोगिता नहीं करना है बल्कि सबसे आगे रहना है। ग्राम्य विकास विभाग अच्छा कार्य करके अन्य विभागों के लिए उदाहरण प्रस्तुत करे। प्रत्येक अधिकारी व कर्मचारी जिम्मेदारी के साथ कार्य करते हुए अपना 100 प्रतिशत विभाग को दे। मनरेगा और ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्मय से ग्रामीण गरीब परिवारों को अधिक से अधिक रोजगार दिया जाय। उन्होंने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग की योजनायें गांव की प्रगति का आधार है। इसलिए लक्ष्य बनाकर ग्राम्य विकास की सभी योजनाओं को प्रभावीढंग से संचालित किया जाय। कार्य करने का अवसर है निडर होकर कार्य करिये।
ग्राम्य विकास एवं समग्र ग्राम विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह ‘मोती सिंह’ कार्यालय आयुक्त ग्राम्य विकास के सभागार में सोमवार को ग्राम्य विभाग की योजनाओं व अधिष्ठानों की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारी ग्राम्य विकास के लिए अधिक से अधिक कार्य योजना तैयार कर ग्रामीणों को लाभ दें। उन्होंने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग प्रथम स्थान पर है इसे इस नम्बर पर बने रहने के लिए जमीनी स्तर पर कार्य करते रहना होगा।
ग्राम्य विकास मंत्री ने मनरेगा के अन्तर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना में 100 दिन का मानव दिवस सृजन तथा मुख्यमंत्री आवास योजना में 90 दिन का मानव दिवस सृजन अवश्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अब मानव दिवस सृजन का प्रमाण पत्र भी देना होगा। उन्होंने कहा कि सृजित मानव दिवस की जांच उनके द्वारा अलग से करायी जायेगी। जांच में दोषी पाये गये अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही होगी साथ ही दोषी अधिकारियों के चरित्र पंजिका में सत्यनिष्ठा प्रभावित करते हुए लिखा जाएगा कि विभाग के प्रति सत्यनिष्ठा नहीं है। उन्होंने कहा कि मनरेगा में कंवर्जेन्स को शामिल कर पात्र ग्रामीणों के लिए अधिक से अधिक रोजगार का सृजन करें ताकि कंवर्जेन्स जनसामान्य को दिखायी दे।
उन्होंने कहा कि मनरेगा में मानव दिवस का सृजन अगले सत्र में उपायुक्त, खण्ड विकास अधिकारी व पीडी के स्थानान्तरण का आधार होगा। यह कार्य स्थानान्तरण परफार्मेंश इंडिकेटर में शामिल होगा। जिन अधिकारियों द्वारा मनरेगा में अच्छा कार्य किया जायेगा उन्हें उनके मनचाहे जनपद में तैनाती दी जायेगी। मनरेगा में वर्ष 2019-20 मंे 25 करोड़ मानव दिवस का लक्ष्य था जिसके अभी तक लगभग 22 करोड़ मानव दिवस का सृजन किया जा चुका है। कुल चिन्हित 1638 मनरेगा ग्रामों में 29668 कार्य हैं जिसके सापेक्ष अभी तक 15903 कार्यों को पूरा किया गया है। ग्राम्य विकास मंत्री ने शेष बचे कार्यों को 31 मार्च, 2020 तक पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि मनरेगा के अन्तर्गत चयनित कार्यों यथा खेल का मैदान, तालाबों की पूर्णता, व्यक्तिगत लाभार्थी परक कार्यों की प्रगति, एनआरएम कार्यों पर व्यय, मनरेगा ग्राम की प्रगति तथा वृक्षारोपण कार्यों की समीक्षा प्रत्येक 15 दिन पर प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास की अध्यक्षता में होगा।
ग्राम्य विकास मंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण तथा मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण की समीक्षा के दौरान कहा कि ग्रामीण जिनके पास जमीन न हो उनको पट्टा देकर क्लस्टर में आवास बनायें। उन्होंने कहा कि क्लस्टर को बढ़ावा देते हुए आवश्यकता हो वहां क्लस्टर के लिए जमीन दें। इसके लिए जिलाधिकारियों और उपजिलाधिकारियों को पत्र भी भेजा जायेगा। क्लस्टर मंे आवास के साथ ही वहां पंचवटी तथा सामुदायिक शौचालय आदि का भी निर्माण किया जाय। उन्होंने आवास के लाभार्थी परिवार को 90/95 का रोजगार उपलब्ध कराकर श्रम विभाग में पंजीयन एवं श्रम विभाग की योजनाओं से आच्छादित किये जाने का निर्देश दिया। ग्राम्य विकास मंत्री ने कहा कि जिन कर्मचारियों व अधिकारियों द्वारा अपात्र लोगों को चयनित कर प्रधानमंत्री आवास हेतु गलत स्वीकृति दी गयी है उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही होगी तथा जारी धनराशि की वेतन से कटौति होगी।
ग्राम्य विकास मंत्री ने कहा कि प्रमोशन कर्मचारियों और अधिकारियों का हक है। प्रमोशन देने में कोताही न बरता जाय। जहां स्थान रिक्त हो वहां प्रमोशन करें। उन्होंने कहा कि किसी भी कर्मचारी और अधिकारी का शोषण न हो। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर अधिष्ठान देखने वाले शिथिल कर्मचारियों व अधिकारियों को स्थानान्तरित कर दण्डित किया जाय। उन्होंने कर्मचारियों और अधिकारियों से कहा कि अच्छा कार्य करिये।
उन्होंने जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, नोडल अधिकारी द्वारा पीडीएस अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु भेजी गयी सभी शिकायतों को संकलित कर प्रमुख सचिव के समक्ष निर्णय हेतु प्रस्तुत कर प्रशासनिक कार्यवाही की जाए।