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यूक्रेन के इशारे पर पाकिस्तान ने किया ऐसा, देख भड़का रूस

यूक्रेन युद्ध के बीच पश्चिमी देशों को खुश करने में जुटा पाकिस्तान अब रूस के गुस्से का सामना कर रहा है। रूस ने पाकिस्तान सरकार की एक हरकत पर नाराजगी जताई है। दरअसल पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो और यूक्रेनी विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा द्वारा आयोजित एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन से रूसी पत्रकार को बाहर कर दिया गया था। इस घटना पर रूस भड़का हुआ है। उसने इस्लामाबाद से स्पष्टीकरण मांगते हुए चिंता जताई है।

पाकिस्तान ने यूक्रेन के साथ 1993 में राजनयिक संबंध स्थापित किए थे। उसके बाद से किसी यूक्रेनी विदेश मंत्री की पाकिस्तान की यह पहली आधिकारिक यात्रा है। गुरुवार को संयुक्त संवाददाता सम्मेलन से पहले, यूक्रेन ने कथित तौर पर अनुरोध किया था कि कोई भी रूसी पत्रकार इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद न हो। पाकिस्तान ने भी यूक्रेन के इस सुझाव को स्वीकार कर लिया।

अनजाने में, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक रूसी रिपोर्टर वहां मौजूद था। जिसके बाद पाकिस्तानी अधिकारियों ने उसे हॉल से बाहर जाने को कहा। डेली जंग की रिपोर्ट के अनुसार, जाते समय रिपोर्टर ने विरोध दर्ज कराया और कहा कि वह इस मामले को इस्लामाबाद में अपने दूतावास के सामने उठाएगा। घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए, इस्लामाबाद में रूसी दूतावास ने विदेश कार्यालय से स्पष्टीकरण मांगा है। रूसी दूतावास ने कहा कि सूचना हासिल करना पत्रकारों का अधिकारी है और उसे उसके काम से रोकना अस्वीकार्य है।

यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से पाकिस्तान पर आरोप लग रहे हैं कि वह यूक्रेन को थर्ड-पार्टी के जरिए हथियार मुहैया कर रहा है। गुरुवार को सफाई देते हुए विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि पाकिस्तान यूक्रेन को हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति नहीं कर रहा है। साथ ही उन्होंने रूस और पूर्वी यूरोपीय देश के बीच शत्रुता के शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान किया।

एक सवाल के जवाब में ज़रदारी ने कहा, ‘पाकिस्तान यूक्रेन को कोई हथियार नहीं मुहैया करा रहा है।’ उन्होंने यह भी कहा, “ हमारी बैठक में, मैंने बातचीत के जरिए विवादों और संघर्षों के शांतिपूर्ण हल की अहमियत और शांति की पहल का समर्थन करने के लिए पाकिस्तान की तत्परता पर जोर दिया।”

जरदारी ने कहा कि पाकिस्तान एक अस्थिर क्षेत्र में स्थित है और समझता है कि लंबे समय से चले आ रहे क्षेत्रीय संघर्ष “हमारी सामूहिक सुरक्षा को कैसे खतरे में डाल सकते हैं।” उन्होंने कहा कि यूक्रेन संघर्ष विकासशील देशों और ‘ग्लोबल साउथ’ के लिए भी मुश्किलें लेकर आया है, खासकर ईंधन, खाद्यान्न और उर्वरक की कमी के मामले में।

बिलावल ने यूक्रेनी समकक्ष दिमित्रो कुलेबा के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता में यह टिप्पणी की। इससे पहले दोनों नेताओं ने आपसी और द्विपक्षीय हितों के मामलों पर विस्तृत बातचीत की। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा की और पाकिस्तान ने यूक्रेन के विदेश मंत्री के साथ मौजूदा स्थिति पर अपनी गहरी चिंता साझा की और जनहानि और भारी मानवीय पीड़ा पर अपनी संवेदना व्यक्त की।

 

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