चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच भारत के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. भारत को रुस से मिलने वाले दुनिया के सबसे उन्नत एस-400 अडवांस्ड एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की पहली डिलीवरी साल के अंत तक मिल जाएगी. इससे पहले यह भारत को 2021 के अंत तक मिलना था, लेकिन चीन के साथ जारी तनातनी के बीच रूस भारत को यह अभेद सुरक्षा कवच इसी साल के अंत तक देने के लिए राजी हो गया है.
बताया जा रहा है कि भारत के रक्षा मंत्री के अनुरोध के बाद रूस एस-400 को भारत को जल्दी देने पर सहमत हुआ है. पहले यह अडवांस्ड एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम वर्ष 2021 तक मिलने वाला था. अब वर्ष 2024 तक भारत हर साल एक-एक एस-400 अडवांस्ड एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति की जाएगी.
वहीं इस साल के आखिर तक अगर भारत को यह अत्याधुनिक डिफेंस सिस्टम मिल जाता है तो भारत अगले होने वाले रिपब्लिक डे की परेड में एस-400 सिस्टम का प्रदर्शन कर सकता है. वहीं रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह डिफेंस सिस्टम दुश्मन के विमानों और मिसाइलों के लिए काल साबित होगा.
इससे पहले रूस की यात्रा पर गए भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बातचीत के दौरान रूस के उपप्रधानमंत्री युरी इवानोविक बोरिसोव ने हथियारों की जल्द आपूर्ति का आश्वासन दिया था. बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत और रूस के बीच विशेष सहयोग है और रूस ने भरोसा दिलाया है कि भारत संग किए गए समझौते तेजी से पूरे किए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि रूसी उपप्रधानमंत्री से मेरी बातचीत बहुत सकारात्मक रही. महामारी की कठिनाइयों के बाद भी हमारे द्विपक्षीय संबंध बने हुए हैं. मुझे भरोसा दिलाया गया है कि जो समझौते किए जा चुके हैं, उन्हें जारी रखा जाएगा. यही नहीं कई मामलों में इनको बहुत कम समय में पूरा किया जाएगा. भारत और रूस के बीच 2018 में दुनिया के सबसे अडवांस्ड एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम एस-400 की डील 5 अरब डॉलर यानी 40,000 करोड़ रुपये में फाइनल हुई थी. भारत ने इसकी पांच यूनिट्स खरीदने का करार किया है.
इसके अलावा भारत रूस से 31 फाइटर जेट खरीद रहा है. भारत ने टी-90 टैंक के महत्वपूर्ण कलपुर्जों को लेकर भी रूस से बात की है. इससे पहले रूस ने कहा था कि वह कोरोना वायरस को देखते हुए वह दिसंबर 2021 तक एस-400 की सप्लाई करेगा. फरवरी महीने में रूस के उद्योग मंत्री डेनिस मंतुरोव ने भारत के लिए एस-400 बनाने की शुरुआत का ऐलान किया था. भारत और रूस ने नौसेना के लिए तलवार श्रेणी के फ्रीगेट, हेलिकॉप्टर के लिए भी डील पर साइन किया है.