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औरैया में “सैयां मिले लरकैयां मैं क्या करूं” पर झूम उठे श्रोता

औरैया। उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में चल रही प्रदर्शनी पंडाल में बीती रात्रि लोक गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने अपनी प्रस्तुति दी। जिसमें उनके सुप्रसिद्ध लोकगीत “सैयां मिले लरकैयां मैं क्या करूं” पर पंडाल में उपस्थित श्रोता झूम उठे। जिला प्रशासन के नेतृत्व में चल रहे औरैया महोत्सव में गेल (इंडिया) लिमिटेड पाता के सौजन्य से गुरुवार की रात्रि फाल्गुनी बहार एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसकी प्रस्तुति यश भारती व पद्मश्री से विभूषित सुप्रसिद्ध लोक गायिका मालिनी अवस्थी द्वारा दी गई। लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने कार्यक्रम की शुरुआत भगवान शंकर की स्तुति करते हुए “डम डम डमरू बजावे हमार जोगिया” से शुरू की।

इसके बाद उन्होंने “बन्ने के नैना मैं बारी जाएं” “रसिया को नार बनावो री” “मैं तो सोय रही सपने में मोहे रंग डालो नन्दलाल” “आज‌ ब्रज में होरी मेरे रसिया” “नदी नारे न जाओ श्याम पैंया परूं” “जमुना पार की गुजरिया नैना मार के चली” “चलत मुसाफिर मोहि लिओ री पिंजरे वाली मुनियां” “छोटे से नन्हें से बालम हमका मिले छोटे से” “रेलिया बैरन पिया को लिए जाय ये” जैसे लोक गीत प्रस्तुत कर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया और अंत में उन्होंने अपने सुप्रसिद्ध लोकगीत “सैयां मिले लरकैयां मैं क्या करूं” के साथ कार्यक्रम का समापन किया।

इस दौरान उन्होंने औरैया के देवकली स्थित महादेव शिव शंकर व कुदरकोट जहां महायोगी भगवान कृष्ण ने रूक्मिणी का हरण कर वरण किया था जैसे देव स्थानों का जिक्र भी किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी सुनील कुमार वर्मा व पुलिस अधीक्षक अपर्णा गौतम की मौजूदगी में सदर विधायक रमेश दिवाकर ने किया। अंत में जिलाधिकारी ने लोक गायिका मालिनी अवस्थी को स्वयं के द्वारा बनाये गया स्मृति चिन्ह भेंट कर उन्हें सम्मानित किया।

रिपोर्ट-शिवप्रताप सिंह सेंगर

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