लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुपम मिश्रा ने प्रदेश सरकार के चार वर्ष पूरे होने पर मुख्यमंत्री द्वारा उपलब्धियां बखान करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा है कि अपने प्रशासनिक क्रियाकलापों को भी उपलब्धि बतायेगा तो ऐसी राज व्यवस्था का भगवान ही मालिक है। नीति और नीयत तो हर सरकार की अपनी होती है, लेकिन उसकी परख धरातल पर ही सम्भव है। 19 मार्च 2017 को प्रदेश की बागडोर सम्भालने वाले बाबा जी पिछले चार वर्षो में केवल पुरानी योजनाओं के या तो फीते काटते रहे या फिर खाका खींचते रहे। धरातल पर केवल गाय, गोबर, गौमूत्र, दीप प्रज्जवल, लव जिहाद, सम्प्रदायिकता, हिन्दु मुस्लिम, तीर्थ यात्रा, अयोध्या, काशी, मथुरा आदि करते रहे।
उन्होंने कहा कि 2022 का चुनाव आते ही अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए सरकार ने झूठे ढोल नगाडे के साथ जश्न मनाना प्रारम्भ कर दिया। पिछले 15 वर्षो में 17 चीनी मिले बन्द क्यूं हुयी मुख्यमंत्री को इसका जवाब देना पड़ेगा। अनुपम मिश्रा ने सरकार पर आरोप लगाते हुये कहा कि यूपी में शौचालय, आवास, खाद्यान्न वितरण, मनरेगा आदि के कार्य की यदि ईमानदारी से जांच हो जाए तो 90 प्रतिशत सेक्रेटरी, बीडीओ, सीडीओ और लेखपाल जेल की सलाखों के पीछे होंगे।
उन्होंने कहा कि निशुल्क विद्युतीकरण का यथार्थ यह है कि कई गांवों में खम्भे तक लगे नहीं पर बिजली के मीटर घरो पर लटका दिये गये। गैस के सिलेण्डर स्टूल और मोढे़ की तरह बैठने के काम आ रहे हैं। स्कूल का कौन सा कायाकल्प किया योगी सरकार ने यह स्पष्ट करें, क्या उन्होंने षिक्षा के स्तर में सुधार किया? गुणवत्तापरक एवं व्यवहारिक षिक्षा हेतु कुछ किया हो तो बताएं।
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश की जनता सरकारी आंकडे़बाजी का खेल भली प्रकार समझ चुकी है और विकास की स्थिति भी देख रही है। यदि कृषि प्रधान देश में किसानों के साथ इसी प्रकार का बर्ताव होता रहा तो किसानों को भी वैकल्पिक व्यवस्थाओं के बारे में सोचना पडेगा। देश का किसान और नौजवान किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह के सपनों का प्रदेश चाहता है और 2022 में किसानों ने अपने इसी संकल्प को सार्थक करने का मन बना लिया है।