कोलकाता। आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले में सियालदह सिविल और क्रिमिनल कोर्ट ने आज फैसला सुनाया। अदालत ने मुख्य आरोपी संजय रॉय को दोषी करार दिया। इस फैसले के कुछ मिनट बाद ही आरोपी की बड़ी बहन ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि परिवार की अदालत में आदेश को चुनौती देने की कोई योजना नहीं है। आरोपी की बहन ने अपना चेहरा दुपट्टा से छिपा रखा था। सियालदह कोर्टरूम में जहां उनके भाई को पेश किया गया वहां वह मौजूद नहीं थी।
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बहन ने की पत्रकारों से बात
पत्रकारों ने संजय रॉय की बहन से बात करने की कोशिश की। उन्होंने पत्रकारों से कहा, “कृपया मुझे अकेला छोड़ दें। हम बिखर चुके हैं।” उन्होंने आगे कहा, “अगर उसने कोई अपराध किया है तो उसे उचित सजा मिलनी चाहिए। हम इस फैसले को चुनौती देने की योजना नहीं बना रहे हैं। मैं अपने ससुराल में रहती हूं। 2007 में मेरी शादी के बाद से मेरा अपने परिवार से कोई संपर्क नहीं है, जबकि मेरी मां की तबीयत ठीक नहीं है। महिला ने अपना नाम न बताने की शर्त पर बताया कि बचपन में उनका भाई सामान्य लड़के जैसा था।”
बहन ने कहा, “जैसे जैसे वह बड़ा हुआ, उसने शराब पीना शुरू कर दिया। इसके बावजूद मैंने संजय के नाम पर कोई ऐसा मामला नहीं सुना जिसमें वह किसी महिला के साथ दुर्व्यवहार किया हो। हालांकि, कुछ वर्षों से हमारी रोजाना बात नहीं होती थी और वह दूसरे इलाके में रहता था। मुझे उसके संबंधों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।”
मां ने किया बात करने से इनकार
संजय रॉय की मां ने इस मामले में मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, “मुझे कुछ नहीं कहना। कृपया मुझे अकेला छोड़ दें।” आस-पड़ोस के लोग जिन्होंने मीडिया को संजय रॉय के परिवार तक पहुंचाया, वे घर के बाहर एकत्र हो गए। एक पड़ोसी ने कहा, “अगर उसने जघन्य अपराध किया तो उसे सजा मिलनी चाहिए। अगर अन्य लोग भी इसमें शामिल हैं तो उन्हें भी बेदाग नहीं जाने दिया जाएगा।”