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टीकाकरण को सफल बनाने को पूरी तरह समर्पित हैं सतेंद्र सिंह

औरैया। कोविड टीकाकरण के लिए ब्लाक पर लगने वाले टीकाकरण सत्र व अन्य विवरण को हर रोज को-विन पोर्टल पर अपडेट करना, किस सत्र पर कितनी वैक्सीन चाहिए, कहाँ पर सत्र की अधिक जरुरत है। इसको लेकर रोज देर रात तक सीएमओ आफिस में मंथन करना और समय से वैक्सीन सत्र स्थल पर भेजने की व्यवस्था करना यूएनडीपी से जिला वैक्सीन कोल्ड चैन प्रबंधक सतेंद्र सिंह का रोज का काम हो गया है। खुद दो बार संक्रमण का शिकार हुए सतेंद्र ने कभी हिम्मत नहीं हारी और निरंतर काम पर डटे रहे हैं।

●कोरोना का डबल हुआ अटैक, पर हारी नहीं हिम्मत।
●कोरोना काल में बिना अवकाश लिए टीकाकरण के प्रति दिन-रात रहे समर्पित।
●टीकाकरण सत्र व अन्य विवरण हर रोज कोविन पोर्टल पर करते हैं अपडेट।

फिरोजाबाद जिले के मूल निवासी सतेन्द्र सिंह संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के ई-विन प्रोजेक्ट में जनपद औरैया के जिला कोल्ड चेन प्रबंधक के पद पर सन 2015 से कार्यरत हैं। नियमित टीकाकरण के लिए टीका प्रबंधन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी इनके कंधों पर है। टीके का वितरण, प्रबंधन, उसकी माँनिटरिंग, कोल्ड चेन उपकरणों के तापमान की आनलाइन निगरानी, टेक्निकल सपोर्ट देना, वैक्सीन से जुड़े विश्लेषण करना, इनकी ड्यूटी में शामिल है। अक्टूबर 2020 में कोविड टीकाकरण के लिए शुरू हुई तैयारी में उन्होंने प्रथम चरण में लाभार्थी स्वास्थ्यकर्मियों की डिटेल कोविड पोर्टल पर अपडेट की।

दूसरे सत्र में फ्रंटलाइन वर्कर, पुलिसकर्मी, एसएसबी जवान व राजस्वकर्मियों को डेटा तैयार कर उन्हें भी पोर्टल पर अपडेट कराया। इसके बाद दोनों चरणों के लिए ब्लॉक में होने वाले सत्र का निर्धारण कर वैक्सीनेटर, एएनएम, स्टाफ नर्स की उपलब्धता को पोर्टल पर अपडेट करते हुए टीकाकरण सकुशल संपन्न कराया। तीसरे चरण में वृद्धजनों व 45 साल से ऊपर के लोगों को टीकाकरण के आदेश के बाद सेशन बढ़ा दिए गए। अब इसे लेकर हर दिमागी कसरत होती है।

सतेन्द्र कहते हैं कि तीसरे चरण में लक्ष्य बड़ा होने के चलते टीकाकरण सत्र बढ़ा दिए गए। हर रोज अधिक से अधिक सेशन सकुशल संपन्न हो वैक्सीनेटर, मोबलाइजर मौजूद हो।यह उपलब्धता सुनिश्चित करना बड़ी जिम्मेदारी हैं। इसके अलावा कोल्ड चेन तापमान सामान्य रूप से बना रहे, इसे लेकर भी सजग रहते हैं। तापमान में उतार-चढ़ाव आने पर तत्काल ब्लाकों को सूचित करते हैं। अगर मानक के अनुसार तापमान नहीं रहा तो वैक्सीन खराब भी हो सकती है इसके लिए उसका रखरखाव देखना बहुत जरुरी है। उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में कोविड टीकाकरण प्रबंधन एक चुनौती भरा काम था। राज्य स्तरीय अधिकारियों के साथ देर रात तक बैठक, उसके बाद आने वाले टीकाकरण सत्रों के लिए लाभार्थियों का चयन, वैक्सीन प्रबंधन आदि तैयारियां करनी पड़ती थी।

लाभार्थी टीका याद रखना बड़ी जिम्मेदारी :-

कोविड टीकाकरण में कोविशील्ड व को-वैक्सीन भी दिमागी कसरत कराते हैं। को-वैक्सीन का सेशन कम होने से प्रथम डोज ले चुके लाभार्थी को दूसरी डोज कब दी जानी है। इसे याद रखना पड़ता है। लाभार्थी को दूसरी डोज देने के लिए समय से टीका का उपलब्ध कराना भी महत्वपूर्ण है। इस बारे में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉक्टर अशोक कुमार का कहना है कि सतेन्द्र सिंह अपने काम के प्रति समर्पित है। कहाँ पर किस वैक्सीन की जरुरत है, वैक्सीन का रखरखाव कैसा है। वैक्सीन खराब न हो इसको लेकर यह हमेशा एक योद्धा की तरह तैयार रहते हैं।

सकारात्मक सोचें, जिंदगी में प्रसन्नता आएगी :-

सतेन्द्र कहते हैं कि अगर किसी के ब्लड या प्लाज्मा देने से किसी की जान बच सकती है, तो लोगों को खुद आगे आकर डोनेट करना चाहिए। मौजूदा माहौल में नकारात्मक बातों से परहेज करने की जरूरत है। सकारात्मक रहने और जीवन के उन अनमोल क्षणों को याद करने की दरकार है, जो जिंदगी में प्रसन्नता और आनंद का संचार करते हैं।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

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