उत्तर प्रदेश में एक पुलिस अधिकारी ने sc/st act में बदलाव से दलितों की बदहाल स्थिति और देश में वर्तमान हालात का हवाला देते हुए पुलिस विभाग से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजे इस्तीफे में कहा कि आज के दौर में उनके लिए काम करना बेहद मुश्किल हो गया, जिससे वह आहत हैं।
sc/st act को कमजोर करने के विरोध में प्रदर्शन
एससी-एसटी एक्ट को लेकर सोमवार का दिन देशभर में दलित संगठनों की ओर से आयोजित विरोध-प्रदर्शनों के लिए इतिहास बन गया। एससी-एसटी एक्ट को कमजोर किए जाने की बात को लेकर प्रदर्शन के दौरान अलग अलग क्षेत्रों में 8 लोगों की मौत हो गई। ऐसी कई घटनाओं से नाराज राज्य में पुलिस प्रशिक्षण निदेशालय में अपर पुलिस अधीक्षक पद पर तैनात डॉक्टर बीपी अशोक ने राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा भेज दिया है।
- जबकि भारी संख्या में लोगों के घायल होने के साथ ही जनधन का नुकसान हुआ।
रूल आॅफ लॉ का किया जाये सम्मान
दलित समुदाय से आने वाले पुलिस अफसर अशोक ने अपने इस्तीफे में देश में जारी कई मसलों पर नाराजगी जताई। उन्होंने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में जिक्र किया है। उन्होंने पत्र में आरोप लगाते हुए यह कहा कि एससी-एसटी एक्ट को कमजोर किया जा रहा है।
- इसके साथ कहा कि देश में संसदीय लोकतंत्र की रक्षा की जाये।
- रूल ऑफ जज, रूल ऑफ पुलिस के स्थान पर रूल ऑफ लॉ का सम्मान किया जाए।
- जो कि सबसे ऊपर हो।
हाईकोर्ट में अभी तक नहीं दिया प्रतिनिधित्व
अपने पत्र में उन्होंने महिलाओं को जनप्रतिनिधित्व अभी तक नहीं दिए जाने पर निराशा जताई। इसके साथ ही महिलाओं को एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को हाईकोर्ट में अभी तक प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने पर भी निराशा जताई है।
- पत्र में उनकी शिकायत प्रोन्नतियों में भेदभाव को लेकर भी है।
संवैधानिक मांगों पर अमल
उन्होंने पत्र के जरिए जाति के खिलाफ स्पष्ट कानून बनाए जाने की मांग की। उन्होंने मांग रखी कि इन संवैधानिक मांगों को अमल में लाया जाए।
- या मेरा त्यागपत्र/वीआरएस स्वीकार किया जाए।
- उन्होंने अपने पत्र का समापन करते हुए पूरे देश में आक्रोशित युवाओं से शांति की अपील करते हुए किया।