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स्कूली बच्चों ने “रैबीज एजुकेशन” पर वर्चुअल सेमिनार में भाग लिया

विश्व रेबीज दिवस के तहत पशु कल्याण संगठन, ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल (इंडिया) ने ग्लोबल अलायन्स फॉर रेबीज कण्ट्रोल (GAARC) के साथ मिलकर “रेबीज प्रिवेंशन की जागरूकता” के लिए ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया। वेबिनार में देहरादून, वडोदरा और लखनऊ के स्कूलों के कुल 263 छात्रों और शिक्षकों ने भाग लिया। इस वेबिनार को एचएसआई (इंडिया) के एक्सपर्ट्स, डॉ. अमित चौधरी, फैज़ान जलील, डॉ. पियूष पटेल और डॉ. श्रीकांत वर्मा के द्वारा सम्बोधित किया गया।

एक सप्ताह के इस सेमिनार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सफलतापूर्वक आयोजित किया गया जो 28 सितंबर तक चला। इसके माध्यम से छात्रों को अनेक विषयो के बारे में जानकारी दी गयी जैसे-रेबीज का इतिहास, इस बीमारी के लिए जागरूकता लाना, यह कैसे फैलता है, और इसे रोकने के लिए हम क्या कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्हें रेबीज को समाप्त करने के लिए एक साथ काम करने के महत्व, पशुओं को इस बीमारी से बचाने के लिए टीकाकरण किया जाना और संभावित रूप से रेबीज ग्रस्त जानवरों के संपर्क में आने वाले लोगों को बचाने के लिए पोस्ट-एक्सपोज़र टीकाकरण को प्रोत्साहित करना आधी के बारे में सिखाया गया।

छात्रों को प्रस्तुतकर्ताओं से सवाल पूछने का भी मौका दिया गया ताकि वे रेबीज के विषय पर और जानकारी ले सके। प्रीती सिंह यादव, लखनऊ ह्यगिआ इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मेसी की अस्सिटेंट प्रोफेसर, वेबिनार के बारे में बताते हुए कहती हैं, “पहले बच्चो को रेबीज के बारे में बहुत कुछ नहीं पता था; जैसे की वो किस्से फैलते है, उसे कैसे रोका जा सकता है और रेबीज टीकाकरण कब और कहा से प्राप्त किया जाता है। साथ ही साथ इस वेबिनार के द्वारा बच्चो को रेबीज से जुड़े तथ्यों और मिथ्यो के बारे में भी पता चला है”।

वर्तमान में एच इस आई (इंडिया) की देहरादून और नैनीताल (उत्तराखंड), वडोदरा (गुजरात) और लखनऊ (उत्तर प्रदेश) में उपस्थिति है जहा यह स्ट्रीट डॉग्स के जनसंख्या प्रबंधन पर काम करता है और सामुदायिक लोगो के साथ मिलकर कुत्तो से जुडी मुद्दों का हल निकलता है। 2013 के बाद से, यह अबतक भारत के कई शहरों में 138,064 से अधिक कुत्तो की नसबंदी और 1, 81,558 कुत्तों का टीकाकरण कर चुका है

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