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पूर्वोत्तर रेलवे के सतर्कता संगठन द्वारा ‘‘रेल सेवा (आचरण) नियम-1966 विषय पर आयोजित की गई संगोष्ठी

लखनऊ। पूर्वोत्तर रेलवे के सतर्कता संगठन द्वारा ‘‘रेल सेवा (आचरण) नियम-1966 एवं रेल सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियम 1968‘‘ विषय पर आधारित 23 एवं 24 जून को दो दिवसीय सेमिनार रेलवे आडिटोरियम गोरखपुर में वरिष्ठ उप महाप्रबन्धक एवं मुख्य सतर्कता अधिकारी डी.के. सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई। संगोष्ठी का शुभारम्भ 23 जून को माँ सरस्वती के चित्र पर माल्र्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया।

पूर्वोत्तर रेलवे के सतर्कता संगठन द्वारा ‘‘रेल सेवा (आचरण) नियम-1966 विषय पर आयोजित की गई संगोष्ठी

संगोष्ठी के मुख्य अतिथि पूर्वोत्तर रेलवे के पूर्व मुख्य परिचालन प्रबंधक राकेश त्रिपाठी ने अपने सम्बोधन में ‘आचार-विचार‘ विषय पर आधारित मूल्य, नैतिकता, बौद्धिक सम्वेदना, बुद्वि, अभिवृत्ति, अभिरूची, सत्य-निष्ठा तथा भ्रष्टाचार पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि “नैतिकता कार्यप्रणाली का अध्ययन” है। नीति शास्त्र के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुये कहा कि नीतिशास्त्र एक विज्ञान है।

कार्यो का सही या गलत बताना, नीति एवं वेदों की नैतिक अवधारणा ही नीतिशास्त्र है। श्री त्रिपाठी ने कहा कि भ्रष्टाचार रोकने हेतु प्रभावकारी और नियंत्रित पर्यवेक्षण, प्रभावी एवं स्वच्छ वातावरण, निर्णय में देरी न करना, विवेक क्षेत्र की गहन मानीटरिंग, आकस्मिक निरीक्षण, नैतिक मूल्यों को धारण करना, उच्चतर वास्तविकताओं का निर्धारण करना, सर्वाेत्तम लोगों के बीच रहना, वर्तमान में जीना, अतिरिक्त प्रयास करना, ईमानदार नेतृत्व इत्यादि उपयोगी हैं।

यांत्रिक कारखाना, इज्जतनगर के कार्मिक अधिकारी आर.के.पाण्डेय ने ‘रेल सेवा आचरण नियम-1968 विषय पर विस्तृत जानकारी देते हुये कहा कि प्रत्येक रेल कर्मचारी को हमेशा ईमानदारी से काम करना चाहिए। तत्परता एवं शिष्टाचार तथा सरकारी नीतियों का अनुसरण करना चाहिये। हम सभी को अपनी सेवा के दौरान रेलवे आचारण नियमावली का पालन करना चाहिए।

वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी, पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुर ओ.पी. सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि डी.ए.आर. के अन्तर्गत परिभाषायें, प्राधिकारी, मानक फार्म और अनुशासनिक अधिकारी द्वारा जांच रिपोर्ट प्राप्त होने पर कार्रवाई, सकारण आदेश, अपील, पुनरीक्षण, पुर्नविलोकन, नियम-14, 15, 16 एवं 24 कर्मचारियों हेतु विशेष नियम पर विस्तृत जानकारी दी ।

ए.के.सिंह, मुख्य इंजीनियर/निर्माण ने निलम्बन पर एवं वरिष्ठ कार्मिक अधिकारी/निर्माण प्रदीप कुमान ने लघु एवं दीर्घ दण्ड पर तथा सेवानिवृत्त वित्त सलाहकार एवं मुख्य लेखाधिकारी आर.सी. राय ने आरोप-पत्र का निर्माण, आरोप की जांच, एकपक्षीय जांच इत्यादि विषयों पर अपनी जानकारी साझा की । सेमिनार में सतर्कता विभाग के अधिकारी, निरीक्षक एवं कर्मचारी सहित अन्य विभागों के कर्मचारी उपस्थित थे। सेमिनार का संचालन श्रीमती रचना श्रीवास्तव ने किया।

रिपोर्ट – दयाशंकर चौधरी

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