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हिन्दी में रेल यात्रा वृतांत प्रेषित करने वाले यात्रियों को रेल मंत्रालय की ओर से मिलेगा पुरस्कार

लखनऊ। रेलकर्मियों सहित आम जनता के रेल यात्रा सम्बन्धी अनुभव मंगाने और उन अनुभवों के आधार पर रेलवे की सुविधाओं को बेहतर बनाने तथा उनमें हिन्दी का प्रयोग बढ़ाने के उद्देश्य से रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) की ‘‘रेल यात्रा वृत्तांत पुरस्कार योजना‘‘ अखिल भारतीय स्तर पर प्रचलित है जिसमें हिन्दी में लिखे गये रेल यात्रा सम्बन्धी अनुभव आमंत्रित किये जाते हैं।

हिन्दी में रेल यात्रा वृतांत प्रेषित करने वाले यात्रियों को रेल मंत्रालय की ओर से मिलेगा पुरस्कार

जिसमें विजेता प्रतिभागियों में एक को प्रथम पुरस्कार के रूप में रूपये दस हजार, एक को द्वितीय पुरस्कार के रूप में रूपये आठ हजार, एक को तृतीय पुरस्कार के रूप में रूपये छः हजार तथा पाँच को प्रेरणा पुरस्कार के रूप में रूपये चार हजार की राशि प्रत्येक को एवं प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया जायेगा।

रेल यात्रा वृत्तांत प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतियोगी अपनी प्रविष्टि दो प्रतियों में 31 अगस्त, 2022 तक सहायक निदेशक, हिन्दी (प्रशिक्षण), कमरा नं. 536-डी, रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड), रायसीना रोड, नई दिल्ली-110001 को भेज सकते हैं। अन्तिम तिथि के बाद प्राप्त प्रविष्टियों पर मंत्रालय द्वारा विचार नहीं किया जायेगा।

रेल यात्रा वृत्तांत हिन्दी भाषा में कम से कम 3000 हजार एवं अधिकतम 3500 शब्दों तक होना चाहिये। रेल यात्रा वृत्तांत डबल स्पेस में टाइप किया हुआ होना चाहिए, जिसके चारों तरफ कम से कम एक इंच का हाशिया होना चाहिये। पृष्ठ क्रमानुसार अंकित होने चाहिये तथा शब्दों की कुल संख्या लिखी होनी चाहिये। वृत्तांत के प्रारम्भ में कागज़ की एक पूरी शीट लगाई जाये जिस पर बड़े अक्षरों में नाम, पदनाम, आयु, कार्यालय/निवास का पता, मातृभाषा, मोबाइल नम्बर, ई-मेल तथा वृत्तांत के शब्दों की संख्या आदि का उल्लेख किया जाना चाहिये।

इस योजना में भाग लेने वाले केन्द्र/राज्य सरकार के अधिकारी/कर्मचारी पर सतर्कता/अनुशासन एवं अपील का मामला लम्बित या विचाराधीन न हो। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले अन्य व्यक्ति को भी घोषणा पत्र देना होगा कि उन पर अपराधिक मामला नहीं है। इसके अतिरिक्त सभी प्रतिभागियों को घोषणा पत्र में यह भी उल्लेख करना होगा कि ‘‘सम्बन्धित रेल यात्रा वृत्तांत मेरी मौलिक रचना है, इसे किसी अन्य पुरस्कार योजना के अन्तर्गत पुरस्कृत नहीं किया गया है।”

रिपोर्ट – दया शंकर चौधरी

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