लखनऊ। क्षय (टीबी) रोगियों को बेहतर इलाज के साथ पोषणयुक्त आहार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्यपाल ने गोद लेने की पहल की है. इसी क्रम में शनिवार को राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के अंतर्गत सदर अस्पताल के सात क्षय रोगियों को पावर विंग्स फाउण्डेशन द्वारा गोद लिया गया एवं उन्हें पोषण किट प्रदान की गयी. गोद लिए जाने का यह कार्यक्रम प्रभारी जिला क्षय रोग अधिकारी डा. आरवी सिंह के निर्देशन में आयोजित किया गया।
प्रभारी जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने देश को वर्ष 2025 तक क्षय रोग से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है. क्षय रोगियों को गोद लेने की मुहिम इस लक्ष्य को प्राप्त करने के अभियान में एक प्रयास है, जिसमें विभिन्न शैक्षणिक औद्योगिक संस्थाओं राजनैतिक पार्टियों, गणमान्य व्यक्तियों एवं जनसामान्य द्वारा #क्षय_रोगियों को गोद लिया जा रहा है। सभी के सहयोग से हम जनपद को साल 2025 तक क्षय रोग से मुक्त कर पाएंगे। जिला क्षय रोग केंद्र के सीनियर ट्रीटमेंट प्रयोगशाला पर्यवेक्षक लोकेश कुमार वर्मा ने बताया कि टीबी के मरीजों को पौष्टिक आहार की जरूरत होती है।
गंभीर या मध्यम रूप से कुपोषित या इलाज के दौरान वजन के लगातार कम होने से दवा का शरीर पर सही तरह से असर नहीं होता है। ऐसे में इलाज लंबा चलता है और दोबारा #टीबी होने का खतरा होता है। इसलिए इलाज के दौरान कुपोषण को दूर करने और सही तरह से वजन बढ़ाने से रोगी के तेजी से ठीक होने और पूरी तरह से टीबी मुक्त होने में मदद मिलेगी। क्षय रोगियों की जांच और इलाज निशुल्क सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है। इसके साथ ही उन्हें पोषण के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत #इलाज के दौरान हर माह 500 रुपये की धनराशि सीधे उनके खाते में भेजी जा रही है।
सदर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. एससी जोशी ने कहा ने कहा कि टीबी का पोषण से गहरा नाता है। यदि व्यक्ति कुपोषित है तो प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण उसे टीबी का संक्रमण होने का खतरा रहेगा। यदि व्यक्ति टीबी से ग्रसित है तो उसे दवाओं के सेवन के साथ प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैटी एसिड, विटामिन और खनिज से भरपूर खाने का सेवन करना चाहिये। संतुलित और पौष्टिक भोजन का सेवन करने से इलाज के पूरा होने के बाद भी दोबारा टीबी होने की संभावना नहीं होती है. आहार में प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थ जैसे मूंगफली, दालें, अंडा, दही, दूध, मट्ठा, मांस-मछली आदि को जरूर शामिल करें। इसके साथ ही अनाज, हरी सब्जियां, फलों का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए।
सदर अस्पताल के वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक राजीव कुमार शर्मा ने बताया कि इस समय अस्पताल में 346 मरीजों का इलाज चल रहा है। पावर विंग्स फाउण्डेशन की संस्थापक सुमन रावत ने कहा कि परिवर्तन मुहिम के तहत साल 2019 से अभी तक कुल 189 टीबी मरीजों को गोद लिया है। जब तक क्षय रोगियों का इलाज पूरा नहीं हो जाता है तब तक उन्हें हर माह पोषण किट दी जाएगी। इस किट में चना, सत्तू, फल, गुड, मूंगफली और दलिया इत्यादि शामिल हैं। यह जब तक ठीक नहीं हो जाते तब तक इनका सहयोग किया जाएगा। इस मौके पर सदर अस्पताल में स्थित टीबी केंद्र के राजेश शर्मा, अजीत शुक्ला राजीव कुमार शर्मा, जीत -2 से राहुल नंदन, टीबी चैंपियन ज्योति गौतम एवं पावरविंग्स संस्था से प्राची श्रीवास्तव मौजूद रहे।