लखनऊ। शाहूजी महाराज ने नारी समाज में व्याप्त अशिक्षा को खत्म करने का बीड़ा उठाया भारत के इतिहास में वह पहले राजा थे, जिन्होने 25 जुलाई 1917 को प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य एवं निःशुल्क कर दिया इसके पहले 1912 में लडकियों की शिक्षा पर विषेश जोर दिया था।
500 से 1000 तक की जनसंख्या वाले प्रत्येक गाॅंव में लडकियों के लिए स्कूल खुलवाया। ये बाते छत्रपति शाहूजी महाराज स्मृति मंच एवं अनुसूचित जाति/जनजाति चिकित्सा शिक्षक संघ के संयुक्त तत्वावधान में छत्रपति शाहू जी महाराज की 148वीं जयंती के पूर्व संध्या के अवसर पर आयोजित जयंती समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में आशीष पटेल मंत्री, प्राविधिक शिक्षा, उपभोक्ता संरक्षण बाट एवं माप ने कही। उन्होने कहा कि 1920 में निःशुल्क छात्रावास खुलवाया उन छा़त्रावासों का नाम प्रिंस शिवा जी मराठा फ्री बोर्डिग हाउस रखा था। हमारे देश में बहुत से राजे रजवाडे थे लेकिन शाहूजी महाराज ने जो कोल्हापुर राज्य में मानव व समाज हित में कार्य करते हुए नीव रखी कोल्हापुर ही नही पूरे देश में आज देखने को मिल रही है।
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर स्थापित छत्रपति शाहूजी महाराज की प्रतिमा पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित कर उनकी जयंती मनाई गयी। जयंती समारोह के मुख्य अतिथि कौशल किशोर केन्द्रीय मंत्री, आवासन और शहरी कार्य, भारत सरकार ने शाहू जी महाराज को एक लोकप्रिय और दयालु व सदा हितकारी राजा की उपाधि से विभूषित किया।
जयंती के अवसर पर अतिथियों द्वारा किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के चिकित्सकों, कर्मचारियों एवं समाज में उत्कृष्ठ कार्य करने वालों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। सम्मानित सदस्यों में डा. नरेन्द्र कुमार, डा. भूपेन्द्र कुमार, डा. सतीश कुमार, डाॅ. राजेश वर्मा, डाॅ. रवि कुमार सिंह, डाॅ. संजीव कुमार, डाॅ. नीरज आनन्द, डाॅ. अम्बुज यादव, डाॅ. सुमित रूंगटा, डाॅ. अजय कुमार पटवा, डाॅ. जितेन्द्र राव, डाॅ. राकेश कुमार दीवान, डाॅ. शालिनी कौशल, शैलेन्द्र कुमार, ओम प्रकाश राव, सुशील कुमार विद्यार्थी, अनिल कुमार सिंह, गौतम बाल्मिकी, पूनम बाला, राजेश कुमार सिंह, रमादेवी, राजेश सिद्धार्थ, राम पुकार प्रसाद, राम निवास पासवान, राजकुमार वर्मा, सुधाकर अहिरवार, राकेश कुमार रावत, पंकज प्रसून, राजेश कुमार, ज्योती अग्रवाल आदि लोगो को सम्मानित किया गया।
रिपोर्ट-दयाशंकर चौधरी