गत चैंपियन Sharad शरद कुमार ने पुरुषों की ऊंची कूद स्पर्धा में एशियन पैरा गेम्स में दो नए रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक हासिल किया।
Sharad ने ऊंची कूद की
विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले 26 साल के Sharad शरद ने ऊंची कूद की टी-42/63 वर्ग में 1.90 मीटर की कूद के साथ एशिया और इन खेलों का रिकॉर्ड बनाया। टी-42/63 वर्ग पैर के निचले हिस्से के विकलांगता से जुड़ा है। इस स्पर्धा का रजत रियो ओलिंपिक के कांस्य पदक विजेता वरुण भाटी (1.82 मीटर) जबकि कांस्य पदक थंगावेलु मरियप्पन (1.67 मीटर) ने जीता। नोएडा के वरुण का प्रदर्शन शानदार रहा।
बिहार के शरद जब दो साल के थे तो उनका बायां पैर लकवाग्रस्त हो गया था। पोलियो रोधी अभियान के दौरान मिलावटी दवा लेने के कारण उनकी यह स्थिति हुई।
इससे पहले भाला फेंक एथलीट सुंदर सिंह गुर्जर ने पुरुषों के एफ-46 वर्ग में भारत के लिए रजत पदक जीता जबकि पैरालिंपिक में दो बार के स्वर्ण पदक विजेता देवेंद्र झाझरिया चौथे स्थान पर रहे। इसी स्पर्धा में रिंकू ने कांस्य पदक हासिल किया। एफ-46 विकलांगता शरीर के ऊपरी हिस्से के किसी अंग की कमजोरी से जुड़ा है।
भारत ने पुरुषों की 400 मीटर दौड़ टी-13 वर्ग में भी कांस्य पदक जीता और यह पदक अवनिल कुमार ने अपने नाम किया। टी-13 आंखों में कम रोशनी से जुड़ा वर्ग है।
भाला फेंक में गुर्जर ने
भाला फेंक में गुर्जर ने अपने पांचवें प्रयास में 61.33 मीटर के साथ रजत पदक हासिल किया। गुर्जर ने इन खेलों से पहले 22 दिन फिनलैंड में अभ्यास किया था। रिंकू ने 60.92 मीटर भाला फेंका जो उनका सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत प्रदर्शन भी है। श्रीलंका के दिनेश हेराथ ने 61.84 मीटर के साथ स्वर्ण पदक जीता। झाझरिया को हालांकि निराशा हाथ लगी। पिछली बार के रजत पदक विजेता और खेल रत्न झाझरिया ने इस सत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 59.17 मीटर भाला फेंका लेकिन यह पदक जीतने के लिए पर्याप्त नहीं था।
पुरुषों की 400 मीटर दौड़ में अवनिल कुमार ने 52 सेकेंड का समय लेकर कांस्य पदक जीता। ईरान के ओमिद जारिफसनायेई ने 51.41 सेकेंड के साथ स्वर्ण जबकि थाइलैंड के सोंगवुट लैमसन ने रजत पदक जीता। कुमार मामूली अंतर से रजत से चूक गए।