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जयंती योग में मनाई जाएगी श्री कृष्ण जन्माष्टमी – पंडित आत्माराम पांडेय

भगवान श्रीकृष्ण ने भाद्र पद मास के कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को ही रोहिणी नक्षत्र के वृष लग्न में जन्म लिया था। 30 अगस्त को रोहणी नक्षत्र व हर्षण योग रहेगा। देश भर के सभी कृष्ण मंदिरों में जन्माष्टमी विशेष धूमधाम के साथ मनाई जाती है। जन्माष्टमी के दिन अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र एक साथ पड़ रहे हैं, इसे जयंती योग मानते हैं। द्वापरयुग में जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, तब भी जयंती योग पड़ा था।

जिस तरह से श्रावण मास में भगवान शिव की भक्ति होती है, उसी तरह से भाद्रपद मास में श्रीकृष्ण की आराधना का महत्व है। कृष्ण जन्माष्टमी पर भक्त गण पूरा दिन उपवास करते हैं। रात के 12 बजे तक भगवान श्री कृष्ण जी का जागरण, भजन, पूजन-अर्चना करते हैं। इस वर्ष भगवान श्रीकृष्ण का 5247वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा।

ज्योतिषाचार्य पंडित आत्मा राम पांडेय जी ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण का अवतरण 3228 ईसवी वर्ष पूर्व हुआ था। 3102 ईसवी वर्ष पूर्व कान्हा ने इस लोक को छोड़ भी दिया। विक्रम संवत के अनुसार, कलयुग में उनकी आयु 2078 वर्ष हो चुकी है। अर्थात भगवान श्रीकृष्ण पृथ्वी लोक पर 125 साल, छह महीने और छह दिन तक रहे, उसके बाद स्वधाम चले गए।

भाद्रमास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 29 अगस्त को रविवार को रात 10 बजकर 09 मिनट पर होगा. अष्टमी तिथि 30 अगस्त को रात में 12बजकर 13 मिनट तक रहेगी। रोहिणी नक्षत्र 30 अगस्त को प्रातः 6 बजकर 41 मि. से 31 को सुबह 9 बजकर 19 मि. तक रहेगा। अतःव्रत के लिए उदया तिथि को मानते हुए 30 अगस्त को जन्माष्टमी होगी। पूजा का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त की रात को 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक रहेगा।

?जातक संपर्क सूत्र 09838211412, 08707666519, 09455522050 से अपॉइंटमेंट लेकर संपर्क करें।

पं. आत्माराम पांडेय

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