इंफाल। मणिपुर पिछले साल से हिंसा की आग में सुलग रहा है। कुकी और मैतेई समुदाय के बीच शुरू हुई हिंसा को एक साल से ज्यादा वक्त बीत चुका है, लेकिन अभी तक हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। हालांकि, राजभवन तक मार्च के दौरान छात्रों की सुरक्षा बलों के साथ झड़प के बाद बुधवार को स्थिति तनावपूर्ण, लेकिन नियंत्रण में रही। वहीं, आंतरिक मणिपुर से कांग्रेस सांसद ए बिमोल अकोइजाम ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर हिंसा संकट पर गहरी पीड़ा व्यक्त की है। यहां लगातार शांति बहाली के दावे धराशाई हो रहे हैं।
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आज सुबह भी कर्फ्यू जारी
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य की राजधानी इंफाल में मंगलवार दोपहर लगाया गया कर्फ्यू आज सुबह भी जारी रहा। जबकि अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए शहर में पुलिसकर्मियों की लगातार गश्त जारी है। उन्होंने कहा कि हालात तनावपूर्ण, लेकिन नियंत्रण में हैं।
बदतर होती कानून-व्यवस्था को लेकर छात्रों ने निकाला मार्च
मणिपुर में बदतर होती कानून-व्यवस्था को लेकर छात्रों ने मंगलवार को राजभवन की ओर मार्च किया था। छात्रों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ में कई छात्र जख्मी हो गए थे। छात्रों की मांग है कि राज्य के डीजीपी और सुरक्षा सलाहकार खराब होती कानून-व्यवस्था से निपटने में नाकाम रहे हैं। इस कारण उन्हें पद से हटाया जाए। वे अपनी इसी मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए राजभवन की ओर कूच कर रहे थे।
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पांच जिलों में इंटरनेट पर लगी रोक
सरकार ने मंगलवार शाम को एक संशोधित आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि छात्रों के आंदोलन के मद्देनजर इंटरनेट सेवाओं पर लगी रोक सिर्फ घाटी के पांच जिलों में लागू होगी।
प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने लिए दागे आंसू गैस के गोले
पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान नारे लगाए। सुरक्षाकर्मियों पर पत्थर और कंचे फेंके। इससे पुलिसकर्मियों को उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिलों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया।