डलहौजी की विधायक आशा कुमारी का महिला पुलिस कांस्टेबल को थप्पड़ मारे जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है क्योंकि कांस्टेबल की ओर से गैर जमानती मामला दर्ज किया गया है। आशा कुमारी का नाम पहले भी काफी विवादित मामलों में चर्चा में रहा है। जमीन हथियाने के एक मामले में उन्हें चंबा की अदालत में एक साल की सजा भी सुनाई जा चुकी है।
विधायक आशा कुमारी की गिरफ्तारी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की शिमला यात्रा के दौरान डलहौजी की विधायक आशा कुमारी ने महिला सिपाही राजवंती को थप्पड़ मार दिया था। इस दौरान राजवंती ने भी उन्हें पलट कर थप्पड़ मार दिया था। इस मामले में राहुल गांधी ने भी विधायक के इस कृत्य की निंदा की थी। वहीं अब आशा कुमारी की गिरफ्तारी भी हो सकती है।
राजवंती की शिकायत पर पुलिस ने सरकारी कर्मचारी को डयूटी में बाधा पहुंचाने और मारपीट करने के आरोप में मामला दर्ज किया है। आईपीसी की धारा 353 व 332 के तहत गैर जमानती मामला दर्ज किया गया है। हालांकि आशा कुमारी ने भी महिला कांस्टेबल के खिलाफ शिकायत की है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में एक साल कैद और जुर्माने में जमानत पर
पिछले वर्ष फरवरी में भी 62 वर्षीय विधायक आशा कुमारी काफी चर्चा में रही थीं। उन्हें 26 फरवरी को चंबा की अदालत ने जमीन कब्जाने के करीब एक दशक पुराने मामले में एक साल कैद और 8000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। हालांकि इस मामले को लेकर उन्होंने हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस दौरान 19 मार्च को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने उनकी सजा को निलंबित कर दिया था। फिलहाल आशा कुमारी जमानत पर हैं।
मंत्री रहते हुए छोड़ना पड़ा था पद
आशा कुमारी 2003 से 2005 तक हिमाचल प्रदेश की शिक्षा मंत्री रही चुकी हैं। हालांकि शिक्षामंत्री रहते हुए उन्हें मंत्रिमंडल छोड़ना पड़ा था। आशा कुमारी पर शादी से पहले उनकी चंबा में राजसी संपति में अवैध कब्जे के आरोप लगे थे। इस दौरान आरोप तय होने पर उन्होंने मंत्री पद छोड़ना पड़ा था। आशा कुमारी का कांग्रेस पार्टी से काफी पुराना नाता है। वह 1972 से कांग्रेस पार्टी से जुड़ी है व एनएसयूआइ में भी रही हैं।