सोशल मीडिय सच पूछो तो इस आधुनिक युग में वरदान रुप है। सैंकडों नई चीज़ों से हमें रुबरु करवाया। फिर भी बहुत सारे लोग सोशल मीडिया को आभासी दुनिया और फेंक लोगों का मेला कहते है, तो कोई टाइम पास कहते है। फेसबुक, वाट्सएप, इंस्टाग्राम,टविटर को कोसते है, ये कहते कि बच्चों और बड़ों को बिगाड़ कर रख दिया, व्यसनी बना दिया और भी न जानें कितनी वजह से इस छोटे से मशीन में सिमटे रिश्तों को कोसते है। पर सोशल मीडिया एक विशाल नेटवर्क है, जो कि सारे संसार को जोड़े रखता है।
यह संचार का एक बहुत अच्छा माध्यम है। सोशल मीडिया आज हमारे जीवन में एक बड़ी भूमिका निभा रहा है। पटल पर स्पर्श करते ही हमारे पास अत्यंत विस्तृत सकारात्मक और नकारात्मक किसी भी प्रकार की जानकारी पहुँच जाती है। सोशल मीडिया एक बहुत ही सशक्त माध्यम है। अब तो इसके बिना हमारे जीवन की कल्पना करना मुश्किल है। माना हर चीज़ के दो पहलू होते है, अच्छा और बुरा, वैसे सोशल मीडिया के भी दो पहलू है। इस्तेमाल सही ढंग से किया जाए तो बहुत कुछ सीखने को मिलता है। पर कहीं कोई चूक कर दी तो लेने के देने पड़ सकते हैं।
सोशल मीडिया के सिर्फ़ फ़ायदे देखें तो सच में जीवन आसान बना दिया है।
सच मानिए तो सोशल मीडिया ने हमें बहुत कुछ दिया है, बहुत कुछ सीखाया है। दुन्यवी हर गतिविधियों से जोड़ा है। हमारे बौद्धिक विकास और ज्ञान को भी तराशा है, हमें आगे बढ़ने की सीढी दी है। मोबाइल जैसे छोटे से मशीन में घड़ी से लेकर गूगल मैप समाया है।
सोचिए आज फेसबुक, वाट्सएप के ज़रिए देश के कोने-कोने में बसे अन्जान लोगों से हम एक रिश्ते से जुड़े है। जिनसे हमारा दूर-दूर तक कोई नाता नहीं वो हमारे मन के करीब होते है। देश, दुनिया में किसी भी कोने में घटती घटनाएँ पल भर में हम तक पहुँच जाती है। जनता की आवाज़ बन चुका है सोशल मीडिया। जनता को अपने हक और फ़र्ज़ के प्रति सजाग किया और हर गलत गतिविधियों के ख़िलाफ़ विद्रोह करना सीखाया।
साहित्यिक समूहों के ज़रिये ढ़ेर सारे साहित्यकारों को अपनी पहचान बनाने का मौका दिया। यू ट्यूब के ज़रिए पैसे कमाने से लेकर देश विदेश की संस्कृति और वानगियों से परिचय करवाया। खेल जगत और मनोरंजन का माध्यम दिया।
राजनीति, धर्म, परंपरा, संस्कृति को परिभाषित करते वो सब दिखाया जिन पहलूओं से हम अन्जान थे। गुनहगारों को सज़ा दिलवाना और बेकसूरों के लिए आवाज़ उठाने की हिम्मत जगाने का काम किया। अन्जान लोगों के सुख-दु:ख में शरीक होने का सम्मान दिलवाया। जन्मदिन पर बधाई और दु:खद परिस्थिति में एक दूसरे को हौसला दिलाना सीखाया। बच्चों की पढ़ाई और प्रोजेक्ट को आसान बनाया। गूगल एक ऐसा मार्गदर्शक बनकर उभरा है कि हर मुश्किल को आसान बनाते हमें गूगल ने अपना आश्रित कर दिया है।
कहीं कोई किसी गरीब को कोई गाते बजाते देख लेता है और विडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल देता है तो कला के कद्रदान उनको मौका देते है और गरीब की ज़िंदगी सँवर जाती है। कोई मदद की गुहार लगाते विडियो पोस्ट कर देता है तो उनके लिए भी लोग खड़े हो जाते है। कुछ भी कह लो सोशल मीडिया के आविष्कार ने इंसान को इंसान से जोड़ने का काम किया। धार्मिक भावना जगा कर, देशप्रेम जगा कर अपने वतन के प्रति समर्पित होना भी सीखाया।
इस छोटे से मशीन के भीतर मानों पूरी दुनिया बसती है। हर क्षेत्र की माहिती पल भर में हम तक पहुँचाने का ज़रिया है सोशल मीडिया। बेशक सोशल मीडिया के सकारात्मक प्रभाव है, लेकिन बाकि सभी चीजों की तरह इसकी भी कुछ बुराईयाँ है।उपयोगकर्ताओं को सोशल नेटवर्किंग के उपयोग पर अपने विवेकाधिकार का उपयोग करना चाहिए। अतिरेक हानिकारक साबित होता है। कुल मिलाकर सोशल मीडिया का उपयोग विविकभान रखकर किया जाए तो इंसान इसका फायदा उठाते बहुत कुछ सीख सकता है।