राजस्थान। परबतसर तहसील में स्थित ग्राम नड़वा में भामाशाओं द्वारा बालाजी विकास समिति नड़वा के तत्वाधान में सुचारू रूप से भक्ति भजन कार्यक्रम का आयोजन करकें विभिन्न भामाशाह द्वारा राशि एकत्र की जाती है. जिस राशि की मदद से गौशाला चलाकर गौमाता की सेवा की जा रही है साथ ही गरीब परिवार की बेटियों के विवाह में भागीदारी, हर वर्ष वृक्षारोपण कार्य, आसपास के सरकारी विधालयों के विकास कार्य, निर्धन छात्रों को सुविधा मुहैया कराना, प्राचीन मंदिर विकास, समय दिन दुखियों की सहायता आदि कार्य करके बालाजी के अनुयायी दे रहे है समाज में नया संदेश।
यह सेकड़ों वर्ष पुरानी बालाजी की मूर्ति है जो बावड़ी की खुदाई से निकली थी जो दिखने में काफी अद्भुद मूर्ति है जो एक ही पत्थर पर सामने से लंका कि तरफ क्रोधित मुद्रा में झांक रही है और दूसरी तरफ से पश्चिम दिशा में शांत मुद्रा में दिखाई पड़ती है जो हजारों श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण और विश्वास का केन्द्र बनी हुई है।
प्राचीन श्रीबावड़ी के बालाजी का पहले चबूतरा का बना हुआ था, लेकिन भामाशाओं ने उस स्थान पर चबूतरा की जगह मंदिर का निर्माण करवा साथ ही आने वाले साधुसंतों और श्रद्धालुओं के लिए जल-पान और ठहरने की व्यवस्था की।
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इस भव्य भजन कार्यक्रम में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए जिसमें मुकेश डांगी और चुन्नीलाल बिकुनिया ने प्रस्तुति दी और सुभाष पारीक ने मंच संचालक के तौर पर भारतीय प्राचीन सनातन संस्कृति का बखान किया साथ ही बालाजी विकास समिति नड़वा के गणमान्य सदस्य हरि सिंह नड़वा, रामचंद्र कागट, श्रवण नैण नड़वा, जय सिंह, पुष्पेंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह, विक्रम सिंह, राकेश सिंह मौजूद रहे।