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सामाजिक रिश्ते हैप्पीनेस की उड़ान में पंख की मानिंद

• तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी की ओर से आयोजित लीडरशिप टाक सीरीज में लर्निंग टु बी हैप्पी: एविडेंसिस फ्रॉम न्यूरोसाइंस पर हैप्पीनेस रिसर्चर एंड ट्रेनर डॉ प्रभात पंकज ने बतौर मुख्य वक्ता की शिरकत

मुरादाबाद। टीईडीएक्स स्पीकर, इकोनोमिस्ट, हैप्पीनेस रिसर्चर एंड ट्रेनर डॉ प्रभात पंकज बोले, सामाजिक रिश्ते हैप्पीनेस की उड़ान में पंख की मानिंद हैं। हैप्पीनेस एक पॉजिटिव इमोशन है।

हैप्पीनेस के अनेक सबब होते हैं। एडल्ट डवलपमेंट, सोशल, फिजियोलॉजी, इकोनोमिक्स के शोध यह बताते हैं कि हैप्पीनेस के जरिए हम अपने और दूसरों के जीवन को संवार सकते हैं।

सामाजिक रिश्ते हैप्पीनेस की उड़ान में पंख की मानिंद

अनेक बार जब हम एकांत में होते हैं तो हमें महसूस होता है कि जीवन में खुशी का अभाव है। केवल प्रतिष्ठा, धन, पद, पॉवर आदि हैप्पीनेस के मानक नहीं हो सकते। विज्ञान ने स्पष्ट किया है, हैप्पीनेस के लिए जीवन का एक निश्चित उद्देश्य होना जरूरी है।

हमारे सामने अहम सवाल यह है, क्या हम अपने जीवन को खुशहाल बना सकते हैं? इसके लिए मेरी बड़ी हां है। रिसर्च प्रोजेक्ट और व्यवहार से भी यही निष्कर्ष निकलता है। इसके लिए हमें नए तरीकों को अपनाना होगा। अब हमें इस आदत को छोड़ देना चाहिए कि देर हो चुकी है। मसलन जब जागो तभी सवेरा है।

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डॉ प्रभात तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी की ओर से आयोजित लीडरशिप टाक सीरीज में लर्निंग टु बी हैप्पी: एविडेंसिस फ्रॉम न्यूरोसाइंस पर बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे। इससे पूर्व डॉ प्रभात पंकज ने बतौर मुख्य वक्ता, तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी की मेंबर ऑफ गवर्निंग बॉडी नंदिनी जैन ने बतौर विशिष्ट अतिथि, टाक सीरीज की कन्वीनर एवं डीन एकेडमिक्स प्रो मंजुला जैन, डीन लॉ कॉलेज प्रो हरबंश दीक्षित, डॉ गीतान्शु डावर आदि ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके टाक सीरीज का शुभारम्भ किया।

मेंबर ऑफ गवर्निंग बॉडी नंदिनी जैन ने मुख्य वक्ता का बुके देकर गर्मजोशी से स्वागत किया। अंत में स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया। संचालन असिस्टेंट डायरेक्टर एकेडमिक्स डॉ नेहा आनन्द ने किया।

सामाजिक रिश्ते हैप्पीनेस की उड़ान में पंख की मानिंद

डीन एकेडमिक्स प्रो मंजुला जैन ने इस बात पर चिंता जताई, वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स 2023 में 136 देशों में भारत 126वीं पॉजिशन पर है। यह विचारणीय सवाल है, हम ताली बजाएं या संजीदगी से लें। हम सबके सामने गंभीर सवाल यह है, हैप्पीनेस में इजाफे के लिए स्ट्रेस को कैसे कम करें?

उन्होंने हैप्पीलाइफ को अंग्रेजी की एक कुटेशन के जरिए परिभाषित करते हुए कहा, एक खुशहाल जीवन वह है, जिसमें लर्निंग, अर्निंग और यर्निंग का समावेश हो। सच यह है, जो आपके जीवन में खुशी को प्रेरित करती है, उसे एक्सप्लोर करने की जरूरत है ताकि आप संसार को प्रकाशित कर सकें।

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लीडरशिप टाक में मुख्य वक्ता से सवाल-जवाब का दौर भी चला। ऑडी में मौजूद फिजियोथैरेपी, पैरामेडिकल, लॉ कॉलेज, सीसीएसआईटी, एफओई, फार्मेसी आदि कॉलेजों के करीब दो दर्जन छात्र-छात्राओं ने हैप्पीनेस ट्रेनर डॉ प्रभात से सवाल पूछे।

मसलन शारीरिक गतिविधियों की जीवन में क्या भूमिका है? ऐसे क्या एक्टिविटी है, जिससे हम और ऊर्जावान महसूस कर सकें? चुनौतियों से हम कैसे सीखें और उन्हें अवसरों में कैसे बदलें? अपने दैनिक जीवन में सेंसिबिलिटी और प्रीडक्टिविटी को बढ़ाने के लिए क्या करें?

टाक सीरीज में डीन स्टुडेंट वेलफेयर प्रो एमपी सिंह, सीटीएलडी के निदेशक प्रो आरएन कृष्णिया, पैरामेडिकल के प्रिंसिपल प्रो नवनीत कुमार, नर्सिंग कॉलेज की डीन प्रो एसपी सुभाषिनी, वाइस प्रिंसिपल जसलीन एम, फार्मेसी के प्राचार्य प्रो अनुराम वर्मा, फैकल्टी ऑफ एजुकेशन की प्राचार्या प्रो रश्मि मेहरोत्रा, फार्मेसी के वाइस प्रिंसिपल प्रो पीयूष मित्तल, डॉ अलका अग्रवाल, एग्रीकल्चर के डीन प्रो प्रवीन जैन, लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो एसके सिंह आदि के संग-संग विभिन्न कॉलेजों के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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