औरैया। बिधूना कोतवाली में एक माँ ने फरियाद लगाकर उसके बेटे द्वारा कब्जाई गयी जमीन वापस दिलाने की अपील की। बात जब कोतवाली प्रभारी विनोद शुक्ला के पास पहुंची तो उन्होंने पीड़ित “मां” को अपने पास बुलाया और उसने पूरा घटनाक्रम जाना। इसके बाद कोतवाली प्रभारी ने उस दुखियारी के कलयुगी बेटों को बुलाकर उन्हें समझा-बुझाकर पीड़िता की जमीन वापस दिलावा दी।
मामला इंदम्प मऊ का है जहां रहने वाली राजरानी ने बिधूना कोतवाली पहुंचकर अपने बेटों के खिलाफ जमीन कब्जा कर उन्हें बेदखल करने का आरोप लगाया था। एक दुखियारी माँ का दुखड़ा सुनकर कोतवाली प्रभारी विनोद शुक्ला से रहा नहीं गया तो उन्होंने पीड़िता के चारो बेटों को बुलाकर पहले तो उन्हें सख्त लहजे में समझते हुए बूढी माँ की जमीन वापस कराई और बाद में चारों को अपराध बोध करवा माँ से माफ़ी भी मंगवाई।
विनोद शुक्ला ने चारो बेटों को समझाते हुए कहा कि जो माँ-बाप आपको जन्म देता है उनके अधिकारों को कोई किसी भी तरह से छीन नहीं सकता है। जिस माँ ने हमें ये जीवन दिया है हम चाह कर भी उसके अहसानों का मोल नहीं चुका सकते हैं। धर्म ग्रंथों में भी कहा गया है कि जो लोग माँ-बाप की सेवा करते हैं उन्हें चारों धाम का पुण्य मिलता है। उन्होंने कहा कि हर औलाद के लिए माँ और पिता का सम्मान करना सबसे बड़ा कर्तव्य है, इसलिए हमें कभी भी उन्हें दुखी नहीं करना चाहिए। कोतवाली प्रभारी ने जिस तरह से चारों को समझा-बुझाकर एक दुखियारी माँ के परिवार को फिर से एक साथ कर दिया उसे देखकर लोगों ने उनकी जमकर तारीफ की।
रिपोर्ट-अनुपमा सेंगर