दिग्गज फिल्म निर्देशक महेश भट्ट ने अपने करियर की शुरुआत एक झूठ से की थी. अगर उस दिन वह ये झूठ नहीं बोलते तो शायद आज इंडस्ट्री में इस मुकाम पर नहीं होते. महेश भट्ट ने राज खोसला के ऑफिस में ये कहकर एंट्री ले ली थी कि उन्होंने मुझे मिलने के लिए बुलाया है.
उस दौरान राज खोसला सीआईडी, मेरा साया, वो कौन थी जैसी हिट फिल्मों के लिए जाने जाते थे. वहीं से महेश भट्ट ने निर्देशन की दुनिया में एंट्री ली थी. एक झूठ के सहारे उन्होंने करियर की शुरुआत की थी. अपने करियर में उन्होंने 5 ऐसी फिल्में भी बनाईं. जो उनकी निजी जिंदगी से प्रेरित रही.
साल 1982 में आई फिल्म ‘अर्थ’ हिंदी सिनेमा की कामयाब फिल्मों में से एक है. इस फिल्म में महेश भट्ट और परवीन बाबी के अफेयर की कहानी को बयां किया गया है. 70-80 के दशक में महेश और परवीन का इश्क टॉक ऑफ द टाउन बन हुआ था. इसकी वजह से महेश भट्ट ने अपनी पत्नी किरण से अलग हुए थे. लेकिन परवीन के साथ भी उनके रिश्ता ज्यादा समय तक नहीं टिक पाया था. इसके बाद उन्होंने सोनी राजदान से दूसरी शादी कर ली. फिल्म ‘अर्थ’ में उनकी निजी जिंदगी के अंश दिखाई दिए थे.
साल 1989 में आई फिल्म ‘डैडी’ में महेश की बेटी पूजा भट्ट लीड रोल में नजर आई थीं. पूजा ने इसी फिल्म से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी. इस फिल्म में उनका काम भी लोगों ने काफी पसंद किया था. ये फिल्म भी महेश भट्ट की असल जिंदगी से प्रेरित थी. फिल्म की कहानी एक शराबी पिता की थी जो अपनी बच्ची को छोड़कर चला जाता है.
साल 2006 में आई कंगना रनौत की फिल्म ‘वो लम्हे’ को भी भट्ट ने डायरेक्टर किया था. कहा जाता है कि इस फिल्म में कंगना का किरदार परवीन बाबी से काफी इस्पॉयर था. फिल्म में उनके अपोजिट शाइनी आहूजा नजर आए थे. फिल्म में उन्होंने महेश भट्ट की जिंदगी को जिया था. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल साबित हुई थी और इसी के साथ एक बार फिर महेश और परवीन बॉबी के अफेयर चर्चा में छा गया था.
साल 1998 में आई फिल्म ‘जख्म’ में भी लीड रोल में पूजा भट्ट ही नजर आई थीं. इस फिल्म में महेश और उनकी मां के साथ के रिलेशन की झलकियां देखने को मिली थी. इसमें अजय देवगन भी अहम भूमिका में नजर आए थे, जिन्होंने महेश भट्ट की भूमिका अदा की थी.