लखनऊ। बीते 16 अप्रैल को पूर्व राज्यपाल राम नाईक (Ram Naik) ने अपने जीवन के नब्बे वर्ष पूर्ण किए। इस अवसर पर मुंबई में उनका नागरिक अभिनंदन भी किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘पद्म भूषण’ (Padma Bhushan) से सम्मानित किया। श्री नईक को ‘पद्म भूषण’ मिलने से प्रसन्न यूपी के सूचना आयुक्त डॉ दिलीप अग्निहोत्री (Dr Dilip Agnihotri) ने पूर्व राज्यपाल राम नाईक को बधाई दी।
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बता दें, राम नाईक उत्तर मुंबई निर्वाचन क्षेत्र से लगातार पांच बार सांसद चुने गए। तीन बार विधायक रहे। अटल बिहारी वाजपेई सरकार में वह रेल राज्यमंत्री और फिर उनकी कैबिनेट में पेट्रोलियम मंत्री रहे।
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श्री नईक 2014 से 2019 तक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रहे। महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में कुष्ठ पीड़ितों के कल्याण हेतु उनके प्रयास विशेष रूप से उल्लेखनीय रहे। विधायक, सांसद, केंद्रीय मंत्री और राज्यपाल के रूप में उन्होनें अनेक विलक्षण और अभिनव कार्य किए।
उनकी पुस्तक चरैवेति!चरैवेति! के करीब डेढ़ दर्जन संस्करण प्रकाशित हो चुके है। मुंबई के अभिनंदन समरोह में राम नाईक ने बताया था कि 18-19 की उम्र में जब कश्मिर के मुद्दे को लेकर डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने सत्तात्याग कर भारतीय जनसंघ की स्थापना की तो उससे प्रभावित हो कर मैं जनसंघ से जुड़ा।
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फिर वहां पंडित दीनदयाल ने ‘अंत्योदय’ के लिए राजनीति की सीख दी और मैं काम करता रहा। राम नाईक ने यह भी कहा था, कि उन्हें आदरणीया राष्ट्रपति द्वारा मिलने वाला ‘पद्म भूषण’ वें अपने सभी सहयोगीओं को समर्पित करेंगे।
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