भारतीय ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी ने संयुक्त रूप से शीर्ष पर काबिज चीन की टी लेइ को हराकर टाईब्रेकर में बेहतर प्रदर्शन के आधार पर महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में दूसरा स्थान हासिल किया। चीन की झोंग्यी तान शीर्ष पर रही जिन्होंने यूक्रेन की अन्ना मुजिचुक से ड्रॉ खेला ।
आर वैशाली लगातार पांचवीं जीत दर्ज करके संयुक्त दूसरे स्थान पर थी, लेकिन टाईब्रेकर के बाद चौथे स्थान पर रही। उन्होंने रूस की कैटरीना लागनो को हराया। तान ने नौ अंक बनाए, जबकि हम्पी उनसे डेढ अंक पीछे थीं। लेइ तीसरे और वैशाली चौथे स्थान पर रहीं। अलेक्जेंद्रा गोरियाश्किना पांचवें स्थान पर रहीं। लागनो छठे , बुल्गारिया की नूरगुल सलीमोवा सातवें और मुजिचुक आठवें स्थान पर रहीं। हम्पी के सात दौर के बाद ढाई अंक ही थे, लेकिन बाकी सात मैचों में उन्होंने पांच अंक बनाए।
गुकेश पुरुषों में बने चैंपियन
इससे पहले चेन्नई के 17 वर्षीय डी गुकेश ने प्रतिष्ठित कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में दूसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी के रूप में हिस्सा लिया था। हालांकि, अब कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट के अंतिम दौर में हिकारू नाकामुरा के खिलाफ ड्रॉ खेलने के बाद वह इस टूर्नामेंट के सबसे कम उम्र के विजेता बन गए हैं। इतना ही नहीं, वह विश्व शतरंज चैंपियनशिप में प्रतिस्पर्धा करने वाला सबसे कम उम्र का खिलाड़ी भी बन गए हैं। वह कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट जीतने वाले दुनिया के सबसे कम उम्र के खिलाड़ी भी बन गए और विश्वनाथन आनंद के बाद यह टूर्नामेंट जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए।
नाकामुरा के खिलाफ ड्रॉ खेलने के बाद उनका टूर्नामेंट जीतना तय नहीं था। सबकुछ बियो कारुआना और इयान नेपोमनियाच्ची के बीच चल रहे अन्य मैच पर टिका था। इन दोनों में से जीतने वाला खिलाड़ी गुकेश के साथ टाई ब्रेकर खेलता। हालांकि, भाग्य गुकेश पर मेहरबान था, क्योंकि कारुआना और नेपोमनियाच्ची ने ड्रॉ खेला और गुकेश सबसे ज्यादा नौ अंक लेकर शीर्ष पर आ गए और टूर्नामेंट अपने नाम किया।