लखनऊ। लोकसभा चुनाव के दौरान रालोद छोड़कर भाजपा में गए रालोद नेता आरपी सिंह चौहान ने कल दिल्ली में रालोद प्रमुख चौधरी अजित सिंह और पार्टी उपाध्यक्ष जयंत चौधरी से मुलाकात के बाद रालोद में पुनः वापसी कर ली। गौरतलब है कि अभी कुछ दिन पूर्व आरपी सिंह चौहान ने सीतापुर में प्रेस कांफ्रेंस कर देश की अर्थ व्यवस्था और प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर केंद्र व राज्य सरकार को घेरते हुए भाजपा छोड़ने की घोषणा की थी, तभी से यह अनुमान लगाया जा रहा था कि अब वे पुनः घर वापसी कर सकते हैं।
रालोद में वापसी के बाद आरपी सिंह चौहान ने कहा कि देश में रोजगार के अवसर लगातार घट रहे हैं, बैंकिंग व्यवस्था बर्बाद हो गई है, सार्वजनिक उपक्रमों को बचाने की सरकार के पास कोई ठोस योजना नहीं है। आऊटसोर्सिंग के कारण नौजवानों को स्थायी और विभागीय रोजगार नहीं मिल रहा है, शिक्षा-चिकित्सा की हालत दयनीय है। डालर के मुकाबले रुपया गिरता जा रहा है, नोटबन्दी और जीएसटी ने उद्योग और व्यापार को तबाह कर दिया, किसान को उपज का लाभकारी मूल्य नहीं मिल रहा है। किसान के पास जब आलू, प्याज, टमाटर होता है तो कोई खरीददार नहीं मिलता, मजबूरन उसे अपनी फसल सड़कों पर फेंकनी पड़ती है।
उन्होंने कहा कि अब किसानों, नौजवानों की समस्याओं को लेकर संघर्ष तेज किया जाएगा। गौरतलब है कि आरपी सिंह चौहान ने रालोद के बैनर तले छात्र संघ चुनाव से राजनीति की शुरुआत की थी। बाद में लंबे समय तक सीतापुर के जिलाध्यक्ष रहते हुए बिजली, पानी और राजमार्ग में भूमि अधिग्रहण को लेकर सफल आंदोलन कर जिले की राजनीति में अपनी पहचान बनाई। रालोद में प्रदेश महासचिव रहे आरपी सिंह चौहान को लोकसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडेय ने भाजपा ज्वाइन कराया था।