26 मई को चंद्रमा सामान्य दिनों के मुकाबले करीब 7 फीसद अधिक बड़ा दिखाई देगा. आकार के अलावा इसकी चमक भी आम दिनों की तुलना में करीब 16 फीसद अधिक होगी.
इस दिन चंद्रमा धरती के सबसे करीब होगा. इस दिन पूर्णिमा भी है और सुपरमून का भी नजारा लोग ले सकेंगे. इस बार एक खास बात ये भी है कि मौसम साफ रहने की वजह से ये ज्यादा अच्छे से देखा जा सकेगा.
आपको बता दें कि सुपरमून को सुपर फ्लावर मून भी कहा जाता है. सुपरमून की ये घटना दोपहर करीब 01:53 पर उस वक्त होगी जब चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब आ जाएगा. वैज्ञानिकों के मुताबिक उस वक्त इसकी धरती से दूरी करीब 3 लाख 57 हजार 309 किमी होगी. 26 मई को चांद शाम करीब 06:54 पर आसमान में दिखाई देगा. ऐसे में लोग सूर्यास्त के साथ-साथ सुपरमून को भी देख सकेंगे.
आपको बता दें कि पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी करीब 3,84,400 किमी है. एक समय ऐसा भी आता है जब ये दूरी बढ़कर 4,05,696 किमी तक हो जाती है, जिसे अपोगी कहते हैं. ठीक इसी तरह से एक वक्त ऐसा आता है जब धरती के चक्कर लगाते समय चांद इसके सबसे करीब होता है. वैज्ञानिक इसको पेरिगी कहते हैं.
ऐसे में पृथ्वी और चंद्रमा की बीच की दूरी लगभग 3,57,000 किमी रह जाती है. ऐसे में यदि पूर्णिमा होती है तो सुपरमून दिखाई देता है. संयोग से 26 मई को ये दोनों ही चीजें एकसाथ हो रही हैं. गौरतलब है कि एक वर्ष में करीब 12 बार पूर्णिमा का चांद दिखाई देता है. कभी कभी ये 13 बार भी आती है. पेरिगी के दौरान पूर्णिमा का होना एक बेहद खास घटना है.