संसद में हंगामे का प्रांतीय संस्करण उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र में भी दिखाई दिया। विपक्षी दलों में हंगामे और चर्चा में बने रहने की प्रतिस्पर्धा चल रही है। कुछ तकनीकी अंतर था। कांग्रेस के नेता ट्रैक्टर से संसद पहुंचे थे। यूपी विधानसभा में सपा विधायक बैलगाड़ी से पहुंचे,कांग्रेस सदस्य रिक्शा चला कर गए। सदन के भीतर भी हंगामा किया गया। इससे विधाई प्रक्रिया में गतिरोध पैदा हुआ।
इसके बाद भी संसद में सरकार अपनी योजना के अनुरूप विधेयक पारित कराने में सफल रही। उत्तर प्रदेश विधानसभा में सरकार ने अनुपूरक बजट पेश करके विकास को प्रमुख मुद्दा बना दिया। संसद के मानसून सत्र में विपक्ष ने चर्चा की जगह हंगामे को वरीयता दी। इसके चलते अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर विचार विमर्श नहीं हो सका। ये बात अलग है कि सरकार ने विपक्षी गतिरोध के बाबजूद जनहित संबन्धी अनेक विधेयकों को पारित कराया। इस प्रकार केंद्र सरकार ने तो अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वाह किया।
विपक्ष कथित जासूसी व किसानों के नाम पर चल रहे आंदोलन पर हंगामा करता रहा। इन विषयों पर चर्चा होती तो विपक्ष भी अपनी बात बेहतर ढंग से उठा सकता था। सर्वोच्च पंचायत में उठाई गई बातें सहज रूप में जनता तक पहुंचती है। विपक्ष इससे वंचित रहा। कयास यह लगाए गए कि विपक्ष जासूसी व कृषि पर अपने ही अतीत से बचना चाहता था। यदि चर्चा होती तो बात वहां तक भी पहुंचती। संसद का सत्र प्रारंभ होने से पहले नई दिल्ली में सर्वदलीय बैठक हुई थी। जिसमे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष से तीखे सवाल पूंछने को कहा था। उनका कहना था कि सरकार सभी विषयों पर चर्चा के लिए तैयार है।
लेकिन उनकी इस बात का कोई असर नहीं हुआ। इसी माहौल में उत्तर प्रदेश विधान सभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। यहां भी सरकार के विरोध में विपक्षी पार्टियों में प्रतिस्पर्धा चल रही है। लखनऊ में भी सर्वदलीय बैठक हुई। विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सत्र के सुचारु संचालन के लिए सभी दलों से सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि तार्किक तथ्यपरक एवं गुणवत्तापूर्ण संवाद से जनसमस्याओं का सार्थक समाधान किया जा सकता है। सभी के सहयोग से सदन के सुचारू संचालन से अधिकतम वैचारिक उत्पादन का संदेश दिया जा सकता है।
सदन की कार्यवाही कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री व नेता सदन योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि संसदीय परम्परा के क्रम में इस मानसून सत्र में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा परिचर्चा के लिए सरकार पूरी गम्भीरता एवं विश्वास के साथ सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाने में मदद करेगी। नियमतः उठाए जाने वाले जनकल्याणकारी मुद्दों पर सरकार सार्थक वार्ता करते हुए सभी सदस्यों के अनुभवों का लाभ उठाएगी। सदन की उच्च गरिमा और मर्यादा को बनाए रखते हुए गम्भीर चर्चा को आगे बढ़ाने से लोकतंत्र के प्रति आमजन की आस्था बढ़ती है। सभी का सदन संचालन में सहयोग अपेक्षित है।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा था कि प्रदेश में कोरोना नियंत्रित है। विगत चार वर्षाें में प्रदेश की मजबूत कानून व्यवस्था,निवेश की बढ़ती सम्भावनाओं से लेकर सभी क्षेत्रों में जनकल्याण को पोषित किया गया है। सदन के सुचारु संचालन से सभी को सीखने का मौका मिलता है। इसके लिए विपक्ष का सहयोग जरूरी है। किंतु उत्तर प्रदेश के विपक्ष पर भी इन सकारात्मक बातों का असर नहीं हुआ। इसी प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के मॉनसून सत्र से पहले रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कहा था कि सरकार संसद में विभिन्न मुद्दों पर स्वस्थ और सार्थक चर्चा को तैयार है। यह सभी की जिम्मेदारी है कि अनुकूल महौल बनाया जाए।
उन्होंने संसद में स्वस्थ चर्चा का आह्वान किया और सभी दलों के नेताओं से सहयोग मांगा था। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि संसद का सत्र सुचारु रूप से चलेगा और कामकाज होगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। विपक्ष का हंगामा जारी रहा। तब नरेंद्र मोदी ने भाजपा सांसदों को निर्देश दिया कि विपक्ष और खासकर कांग्रेस को जनता के सामने बेनकाब करें। कोरोना जैसे अहम मुद्दे पर बैठक का मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस बहिष्कार करती है। सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार थी। लेकिन उसे सिर्फ हंगामा अच्छा लगता है। चर्चा के दौरान विपक्ष को सरकार की कमियों को उजागर करने का मौका मिलता। वहीं सरकार को इससे निपटने के लिए उठाए गए कदमों को रखने का अवसर मिलता।
संसद का मानसून सत्र राजनीतिक अखाड़ा बन गया था। विपक्ष ने प्रधानमंत्री को अपनी सरकार के नए मंत्रियों का परिचय भी नहीं कराने दिया था। उसके बाद से विपक्ष पेगासस मुद्दे पर संबंधित मंत्री का बयान तक नहीं होने दे रहा है। इस तरह संसद में सरकार अपनी बात रखने और विधेयक पारित कराने में सफल रही। विपक्ष का ट्रैक्टर और हंगामा चर्चा में था। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश में भी सरकार अपनी बात रख रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद में कहा कि वह कौन लोग थे जो कहते थे कि हम टीका नहीं लगाएंगे, वह कौन चेहरे थे जो कहते थे कि यह तो मोदी टीका है, यह भाजपा का टीका है इसे हम नहीं लगवाएंगे यह सबसे बड़ा अनर्थ और जघन्य अपराध उन लोगों के प्रति है,जिन्होंने टीकों के अभाव में अपनी जान गंवाई है। यह उसके अपराधी हैं।
जब अब्बा जान टीका लगवाते हैं तो कहते हैं कि हां हम भी लगवाएंगे। इसके अलावा सरकार ने अनुपूरक बजट पेश किया। इसमें समग्र विकास को वरीयता दी गई। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि अनुपूरक बजट लाखों कार्मिको के आर्थिक उन्नयन के साथ ही प्रदेश के इन्फ्रास्ट्रकचर और प्रदेश के विकास की गति को तेजी देगा। योगी सरकार ने शिक्षामित्रों, आंगनबाड़ी वर्कर ग्राम रोजगार सेवकों, ग्राम प्रहरियों,हेडकुक कुक, पीआरडी जवानों सहित लाखों कार्मिको की मांगों को पूरा करते हुए उनका मानदेय बढाने का फैसला लिया है। छुट्टा गौवंश के संरक्षण की व्यवस्था,गन्ना मूल्य भुगतान की भी व्यवस्था अनुपूरक बजट में की है।
बिजली,एक्सप्रेस-वे, बलिया लिंक एक्सप्रेस वे परियोजनाओं के लिए संसाधनों की अनुपूरक बजट में प्रदेश सरकार ने व्यवस्था की है। अयोध्या और वाराणसी में धार्मिक स्थलों के सौन्दर्यीकरण के लिए भी अनुपूरक बजट में व्यवस्था की गई है। यह कदम धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहन देगा। प्रदेश के पौराणिक स्थलों का विश्व पटल पर नई पहचान बनाने में यह बड़ा कदम साबित होगा। इसके अलावा युवाओं को डिजिटली सक्षम बनाने के लिए भी योगी सरकार द्वारा उठाए गए कदम विकसित और सक्षम उत्तर प्रदेश की दिशा में बेहतर साबित होगे। युवाओं को डिजिटल रूप से सक्षम बनाने के लिए तीन करोड़ रुपये के फंड का प्रस्ताव है।
इससे युवाओं को लैपटाप और टैबलेट देने का कार्य हो सकता है। अधिवक्ताओं और उनके परिवारों को सामाजिक सुरक्षा के लिए दी जाने वाली धनराशि को अनुपूरक बजट के माध्यम से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने का प्रस्ताव है। गोवंश के रखरखाव की व्यवस्था बढाई जाएगी। मेडिकल डिवाइस पार्क प्रोत्साहन योजना शुरू होगी। अत्यंत जरूरी योजनाओं को पूरा करने के लिए यह बजट लाया गया है। उप्र सहकारी चीनी संघ की मिलों के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान की व्यवस्था की गई। अनुसूचित जातियों को साधने के मकसद से सरकार ने राजधानी लखनऊ में डा.भीमराव आंबेडकर स्मारक व सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना होगी।
स्वच्छ भारत मिशन को आगे बढ़ाया जाएगा। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के बहुद्देशीय भवन का निर्माण होगा। संस्कृत पंडितों को पुरस्कार देने के उद्देश्य से उप्र संस्कृत संस्थान को अनुदान दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश राज्य विधि विश्वविद्यालय, प्रयागराज की स्थापना हेतु धन की व्यवस्था की गई। विपक्षी हंगामे के बीच संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि सरकार गरीबों को मुफ्त में खाद्यान्न बांट रही है। प्रदेश में पेट्रोल और डीजल के दाम अन्य राज्यों से कम हैं। उन पर वैट भी अन्य राज्यों की तुलना में कम है। विपक्ष के पास कोई काम नहीं है। वह सदन की कार्यवाही में बाधा डालना चाहता है।