देश में चल रही भगवाकरण की बयार के बीच विद्यालयों में बच्चों से सुबह के समय कराई जाने वाली हिंदी प्रार्थना का मुद्दा भी इस समय गरमा गया है। देश भर में ऐसे बहुत से विद्यालय हैं जहां पर सुबह की प्रार्थना हिंदी में कराई जाती है। इनमें से करीब 1125 केंद्रीय विद्यालय भी हैं जहां पर सुबह प्रार्थना सभा में संस्कृत श्लोक के बाद हिंदी प्रार्थना कराई जाती है। सुबह की प्रार्थना में सिर्फ हिंदी में प्रार्थना का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। स्कूल के नियमों के मुताबिक सभी धर्मों के बच्चे इस प्रार्थना को गाते हैं। ऐसे में अब यह विवाद का विषय बन गया है। हाल ही में हिंदी प्रार्थना के खिलाफ एक वकील द्वारा जनहित याचिका दायर की गई
हिंदुत्व को बढ़ावा देने में लगे
देश में करीब 1125 केंद्रीय विद्यालय हैं। इन सभी विद्यालयों में लाखों की संख्या में स्टूडेंट पढ़ते हैं। इन विद्यालयों में 1964 से हिंदी में ही सुबह की प्रार्थना हो रही है। प्रार्थना से पहले संस्कृत श्लोक भी गाए जाते हैं। दायर याचिका में कहा गया है कि केंद्रीय विद्यालय प्रार्थना के माध्यम से हिंदुत्व को बढ़ावा देने में लगे हैं।याचिका दायर करने वाले वकील के मुताबिक यह संविधान के अनुच्छेद 25 और 28 के खिलाफ है। स्कूलों में इसकी इजाजत नहीं होनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को एक नोटिस जारी करते हुए इसका जवाब देने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है। कोर्ट का मानना है कि यह मामला हकीकत में एक बड़ा गंभीर संवैधानिक मुद्दा है।