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NEET PG का पैटर्न बदलने पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछे सवाल, केंद्र और परीक्षा बोर्ड से सात दिन में मांगा जवाब

नई दिल्ली। परीक्षा से तीन दिन पहले नीट पीजी 2024 का पैटर्न बदलने पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने इसे असामान्य बताते हुए कहा कि इससे छात्रों का अहित हो सकता है। कोर्ट ने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय शिक्षा बोर्ड (एनबीई) से जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि दोनों पक्ष मामले में 27 सितंबर तक अपना जवाब दाखिल करें।

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मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने छात्रों की ओर से वरिष्ठ वकील विभा दत्ता मखीजा और वकील तन्वी दुबे की दलीलों पर ध्यान दिया। वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि 11 अगस्त को हुई नीट पीजी का पैटर्न अंतिम समय में बदल दिया गया। अंकों के सामान्यीकरण, उत्तर कुंजी जारी नहीं की गई। उन्होंने कहा कि परीक्षा के लिए न तो कोई नियम थे और न ही स्पष्टता । तीन दिन पहले परीक्षा को दो भागों में बांट दिया गया।

उन्होंने कहा कि इसके लिए कोई नियम नहीं था कि परीक्षा कैसे आयोजित की जानी है? सब कुछ एक सूचना बुलेटिन पर निर्भर था जिसे अधिकारियों की इच्छा के मुताबिक संशोधित किया जा सकता था। परीक्षा बोर्ड ने दलीलों का विरोध किया। कहा कि कुछ भी नया और असामान्य नहीं किया गया।

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मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि यह बहुत असामान्य है। परीक्षा से तीन दिन पहले (परीक्षा पैटर्न बदल दिया गया था)। इससे छात्रों को निराशा होगी। मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आगामी काउंसलिंग को ध्यान में रखते हुए याचिकाओंपर 27 सितंबर को सुनवाई की जाएगी।

इशिका जैन और अन्य द्वारा दायर याचिका पर आखिरी सुनवाई 13 सितंबर को हुई थी। इसमें एनईईटी-पीजी, 2024 की उत्तर कुंजी, प्रश्न पत्र और अंकों के मानकीकरण का खुलासा करने की मांग की गई है क्योंकि चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा को दो भागों में विभाजित किया गया था। नीट पीजी एमबीबीएस और बीडीएस के बाद के पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए किया जाता है। 23 अगस्त को एनबीई द्वारा घोषित किए गए नतीजों ने अप्रत्याशित रूप से कम रैंकिंग को लेकर छात्रों के बीच असमंजस कायम कर दिया।

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