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स्किल इंडिया को बढ़ावा देता गतिशक्ति विश्वविद्यालय

• “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का वाहक गतिशक्ति विश्वविद्यालय”

• राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन

वडोदरा। राष्ट्रीय रेल परिवहन संस्थान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 की दूसरी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया। संसद में पारित केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2022 के अनुसार राष्ट्रीय रेल परिवहन संस्थान को केंद्रीय विश्वविद्यालय ‘गति शक्ति विश्वविद्यालय’ के रूप में स्थापित किया गया है। ऑनलाइन कार्यशाला में कई वक्ताओं ने भाग लिया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की मसौदा समिति के सदस्य प्रो. टी.वी. कट्टिमणि, कुलपति, आंध्र प्रदेश, केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय ने भी यह उल्लेख किया कि गति शक्ति विश्वविद्यालय स्किल इंडिया के संकल्प एवं आकांक्षाओं को गति प्रदान करेगा। उन्होंने “कौशल के साथ शिक्षा का मेल” के महत्व पर जोर दिया और उल्लेख किया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति इस खोज में “सुनहरा माध्यम” साबित होगी।

मुख्य अतिथि और कार्यशाला के सभी पैनलिस्टों का स्वागत करते हुए प्रो. सी.पी. नंदा (डीन, प्रशासन), एनआरटीआई ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह नीति हमें वैश्विक नागरिक और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी बनाने में हमारी मदद कर सकता है। अध्यक्षीय संबोधन में अंजली गोयल (कुलपति, एनआरटीआई) ने समृद्ध विरासत संपन्न देश को “नया भारत” के रूप निर्मित करने के लिए नव-स्थापित केंद्रीय विश्वविद्यालय की भूमिका के संबंध में विशेषज्ञों से सुझाव मांगा। उन्होंने बताया कि यह विश्वविद्यालय आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्य को पूरा करने के लिए एक तकनीकी और कौशल का केंद्र बनेगा। मुख्य वक्ता के रूप में डॉ सुजीत मिश्रा (ओएसडी, एनआरटीआई) ने छात्रों को बताया कि उन्हें भविष्योन्मुखी शिक्षा ग्रहण कर, बदलती तकनीकों और मांगों के साथ तालमेल बिठाने की आवश्यकता है। उन्होंने विश्वविद्यालय में व्यावहारिक शिक्षा पर अधिक ध्यान देने का वादा किया।

नई दिल्ली से दो प्रमुख वक्ता शामिल हुए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति मसौदा समिति की सचिव डॉ शकीला टी शम्सू, पूर्व ओएसडी (एनईपी), शिक्षा मंत्रालय ने नीति की मुख्य विशेषताओं से दर्शकों को अवगत कराया। उन्होंने सभी को इसे पढ़ने और इससे जुड़ने के लिए प्रेरित किया। प्रोफेसर अमरेंद्र प्रसाद बेहरा, उप निदेशक, सीआईईटी, एनसीईआरटी ने दर्शकों को डिजिटल शिक्षा के बारे में बताया और इस बात पर जोर दिया “डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020” एक साथ काम कर रहे हैं।

शान कश्यप (रेनशॉ विश्वविद्यालय) ने कार्यशाला के मुख्य अंशों का सार प्रस्तुत किया। प्रो जितेश जे ठक्कर (डीन अकादमिक, एनआरटीआई) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में उल्लेखित बहु-विषयकता, लचीलापन, एकाधिक प्रवेश और निकास प्रावधान, पाठ्यक्रमों की पसंद आदि को संस्थान की नीति में शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रोफेसर जी रघुराम ने भारत को विश्व शक्ति बनाने के लिए भारतीय ज्ञान प्रणाली और मेक इन इंडिया आंदोलन को एक साथ लाने पर जोर दिया।

टी.वी.अनंतसुब्रमण्यम (रजिस्ट्रार, एनआरटीआई) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की संकल्पना के अनुसार गतिशक्ति विश्वविद्यालय के उद्देश्य और संकल्प तथा ध्येय को पूरा करने के लिए आत्म निरीक्षण पर बल दिया। डॉ राम कृष्ण उपाध्याय (एनआरटीआई) ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यशाला में 200 से अधिक लोगों ने भाग लिया।

रिपोर्ट-संजय गुप्ता 

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